उत्तराखंड
(काम की खबर) चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं हेतु जारी की गई नई गाइडलाइन, पढ़ें ये जरूरी खबर
Highlights Char Dham Yatra 2022 को लेकर उत्तराखंड सरकार ने नया आदेश जारी किया है। उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि चार धामों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की हर रोज की संख्या तय की जाएगी।
तय संख्या के आधार पर ही लोग चार धामों की यात्रा कर पाएंगे।
Char Dham Yatra 2022: उत्तराखंड सरकार ने यह एलान किया है कि चार धामों (Char Dham Yatra 2022) को जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सरकार डेली लिमिट लगाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार हर रोज तय किए हुए खंख्या के तीर्थयात्रियों को ही जाने की अनुमति देगी। उत्तराखंड सरकार ने बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए अलग-अलग तीर्थयात्रियों की संख्या को तय की है जिसके आधार पर केवल तय किए हुए तीर्थयात्री ही जाएंगे। वहीं इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने यह भी एलान किया है कि इस साल उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखना अनिवार्य नहीं है।
हर रोज कितने लोग कर सकेंगे चार धामों की यात्रा
उत्तराखंड सरकार ने इस साल चारो धामों को जाने वाले तीर्थयात्रियों की हर रोज की संख्या को तय की है। इसके मुताबिक, बद्रीनाथ के लिए हर रोज 15000 तीर्थयात्री को जाने की इजाजत दी जाएगी। वहीं अगर केदारनाथ की बात करें तो यहां पर हर रोज केवल 12000 ही तीर्थयात्री जा पाएंगे। इसके साथ ही गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 तीर्थयात्रियों को प्रतिदिन जाने की अनुमति मिलेगी। उत्तराखंड सरकार ने बताया कि इस व्यवस्था को पहले केवल 45 दिनों के लिए ही लागू किया गया है। अगर जरूरत पड़ी तो इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा।
तीर्थयात्रियों को नेगेटिव कोविड रिपोर्ट रखना अनिवार्य नहीं- उत्तराखंड सरकार
आपको बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने यह एलान किया था कि जो भी तीर्थयात्री उत्तराखंड आ रहे है उन्हें नेगेटिव कोविड रिपोर्ट रखना अनिवार्य व जरूरी नहीं है। यह खबर तब सामने आई जब मुख्य सचिव एस एस संधू का अधिकारियों के साथ चार धाम की यात्रा को लेकर शनिवार को एक बैठक हुई थी। बैठक के बाद उनके द्वारा यह भी कहा गया कि तीर्थ यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा जिसके आधार पर ही उन्हें यात्रा करने दी जाएगी। नेगेटिव कोविड रिपोर्ट को रखना अनिवार्य नहीं होने पर बोलते हुए संधू ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को आगमन पर किसी प्रकार की असुविधा न हो और राज्य की सीमाओं पर भीड़ न जमा हो।
स्रोत इंटरनेट मीडिया