आपदा
उत्तराखंड न्यूज़। केदारघाटी में आर्मी और SDRF का रेस्क्यू अभियान पांचवें दिन भी जारी, इतने यात्री अब भी फंसे
देहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ पैदल मार्ग पर राहत और बचाव कार्य जारी है। आज सोमवार को पांचवें दिन भी सेना बचाव में लगी हुई है। अभी भी करीब 400 लोग रास्ते में फंसे हुए हैं। सेना के 40 जवान सोनप्रयाग गौरीकुंड के बीच बंद रास्ते को खोलने में जुटे हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च अभियान में भी मदद कर रही है।
केदारनाथ रास्ते पर हादसे में सेना की मदद से पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पैदल चलने वालों के लिए पुल बनाया जा रहा है। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शनिवार तक 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। करीब 1000 यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है।
चिनूक, एमआई-17 और राज्य के नागरिक उड्यन विभाग के 5 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू कार्य में लगाए गए हैं। लेकिन मौसम खराब होने से उड़ान में दिक्कत हो रही है। SDRF के सेनानायक मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में लिनचोली, भीमबली में सर्च अभियान के बाद अब गौरीकुंड में भी लोगों की तलाश चल रही है।
केदार घाटी में बुधवार को आई आपदा के बाद से सेना का एम आई-17 हेलीकॉप्टर तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू करने में लगा हुआ है। हालांकि खराब मौसम के कारण 2 दिन में यह हेलीकॉप्टर मात्र 3 शटल ही कर पाया है। जबकि गोचर हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है।
दोनों हेलिकॉप्टर के साथ सेना के 20 सदस्यों का दल तैनात है। विंग कमांडर शैलेश सिंह के नेतृत्व में आपदा में फंसे हुए यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए भारतीय सेना के दो हेलिकॉप्टर यहां पहुंचे हैं।
स्रोत im