उत्तर प्रदेश
बड़ी खबर। मुख्तार अंसारी की मौत की होगी मजिस्ट्रेट जांच, देखें पूरी रिपोर्ट:-
बांदा जेल में माफिया नेता मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए शुक्रवार को एक अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को नामित किया गया।
#WATCH | Mukhtar Ansari death | On security arrangements, Ghazipur SP Omvir Singh says, "Ever since the news broke out Ghazipur Police and Administration have been on alert. There is adequate Police deployment across the district…MCC is in place and there is no crowd anywhere.… pic.twitter.com/hJrgocRyzm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 29, 2024
मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी।
#WATCH | Mukhtar Ansari's son Umar Ansari says, "Postmortem is yet to begin…I have written a letter, everything is clearly written in it." https://t.co/NULzTkKSUm pic.twitter.com/rQ5HYUiFTQ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 29, 2024
बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
#WATCH | Uttar Pradesh ADG Law & Order, Amitabh Yash says, "In view of the 'Jumme ki Namaz' today and yesterday's incident in Banda jail, a high alert was made across the state. Extra forces were sent to several districts…Everyone has been directed to maintain peace. There is… pic.twitter.com/dDBKZXH6p8
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 29, 2024
पत्र के मुताबिक वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार बांदा द्वारा 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नामित करने की याचना की गयी थी। सीजेएम ने नियुक्त जांच अधिकारी से एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके पहले कारागार महानिदेशक एसएन साबत ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था।
गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने मंगलवार को कहा था कि ”मुख्तार ने उन्हें बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था। हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है।”
अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरख्वास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में ‘धीमा जहर’ दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।
स्रोत im