उत्तर प्रदेश
हाईकोर्ट न्यूज़। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, व्यास जी तहखाने में जारी रहेगी पूजा, देखें पूरी रिपोर्ट:-
ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की इजाजत देने के मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने सोमवार यानि आज मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है।
व्यास जी तहखाने में पूजा जारी रहेगी। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
हाई कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, ज्ञानवापी पर जो आदेश जिला जज का था, वैसा ही रहेगा. पहले आदेश के मुताबिक, तहखाने में पूजा होती रहेगी।
हालांकि, इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मुस्लिम पक्ष ने पूजा अर्चना कानून-1991 पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. धार्मिक स्थल के चरित्र को तय करने का जिम्मा अदालतों को देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के 19 दिसंबर 2023 के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
वहीं हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) की याचिका खारिज कर दी है. मुस्लिम पक्ष ने तहखाने में पूजा की इजाजत के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले हाई कोर्ट में 15 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई थी. दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला जज के आदेश को असंवैधानिक बताया है
बीते 31 जनवरी के जिला कोर्ट के आदेश पर तहखाने में मूर्ति रखकर पूजा अर्चना हो रही थी, जिसका मुस्लिम पक्ष विरोध जता रहा है. मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला जज के आदेश को असंवैधानिक बताया था. इसके बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा।
हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सी.एस वैद्यनाथन और विष्णु शंकर जैन की ओर से बहस की गई थी. वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील सैयद फरमान अहमद नकवी और अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने उनका पक्ष रखा था।
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया
साल 2021 में पांच हिंदू महिलाओं ने कोर्ट में एक मामला दायर किया था. महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक मंदिर में पूजा करने और मूर्तियों की सुरक्षा की अनुमति मांगी थी. 16 मई, 2022 को कोर्ट की ओर नियुक्त एक आयोग ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा किया था. सर्वे के दौरान परिसर के अंदर एक संरचना पाई गई थी. इस पर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया था. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी में फव्वारा होने का दावा किया था।
इसी साल 1 फरवरी, 2024 को जिला अदालत के आदेश के बाद व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ जारी है. इसी साल 29 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के साइंटिफिक सर्वेक्षण की मांग को लेकर चार हिंदू महिलाएं सुप्रीम कोर्ट गई थीं।
स्रोत im