दिल्ली
हिंदू शरणार्थियों के घरों पर अब नहीं गरजेगा बुलडोजर, ये रही वजह…..
दिल्ली हाईकोर्ट ने पाकिस्तान से आए हिंदू सिंधी शरणार्थियों के शिविर यानी आशियाने तोड़ने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया है कि वे शहर के मजनू का टीला स्थित पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी शिविर में रहने वाले शरणार्थीयों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे।
याचिकाकर्ताओं के वकील आरके बाली ने बताया कि बीते 4 मार्च को डीडीए ने नोटिस भेजा था कि यमुना के डूब क्षेत्र में आने की वजह से पूरा क्षेत्र खाली किया जाएगा. याचिका में 4 मार्च को जारी अधिसूचना को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च में याचिका दायर की गई थी. उसमें क्षेत्र के निवासियों को 6 मार्च तक शिविर खाली करने के लिए कहा गया था।
बाली के मुताबिक हिन्दू शरणार्थी याचिकाकर्ताओं ने आग्रह किया कि शरणार्थी शिविर के निवासियों को जब तक कोई वैकल्पिक जगह नहीं दी जाती है, तब तक DDA की डिमोलिशन ड्राइव पर रोक लगाई जाए. कोर्ट ने इस बाबत सरकार से जवाब मांगा है।
याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कई वर्षों से मजनू का टीला इलाके में बने अस्थाई शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. उन्हें शासन और प्रशासन ने बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान कर रखी हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई मंगलवार यानी 19 मार्च होगी।