उत्तराखंड
Big Breaking: नकली नोट का साम्राज्य, पुलिस ने एक को पकड़ा, जेल से ली थी नकली नोट बनाने की ट्रेंनिग, देखें रिपोर्ट:-
Dehradun.
रातों रात अमीर बनने की चाहत में रेस्टोरेंट संचालक नकली नोट छापने लगा। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने जांच के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
उसके पास से 500-500 रुपये के 160 कुल 80 हजार रुपये नकली नोट और 500 रुपये के 28 बिना कटिंग के 14 नकली नोट बरामद किए गए हैं। नकली नोट पर इस्तेमाल होने वाला पेपर ऐसा था कि आमजन पता भी नहीं कर पाएंगे कि वास्तव में नोट असली है या नकली।
नकली नोट छापकर बाजार में असली के रूप में चला रहा था
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति नकली नोट छापकर बाजार में असली के रूप में चला रहा है। त्यौहारों के सीजन में खरीदारी अधिक होती है जिसके चलते नोटों की खपत हो सकती है।
सूचना के आधार पर एसटीएफ के निरीक्षक एनके भट्ट की देखरेख में टीम ने शुक्रवार शाम को आइएसबीटी क्षेत्र में एक काले रंग की क्रेटा कार को रोककर चेक किया। वाहन चालक की पहचान परमित कुमार निवासी ग्राम कुड़ी खरखोदा जिला मेरठ यूपी वर्तमान निवासी मूलचंद एनक्लेव पटेलनगर को हिरासत में लिया गया। वाहन से नकली नोटों की दो गड्डी बरामद हुई, जिसमें 500-500 के 160 नोट थे।
रेस्टोरेंट में आने वाले ग्राहकों को भी देता था नकली नोट
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसका कैनाल रोड पर अन्नपूर्णा नाम का रेस्टोरेंट है। रेस्टोरेंट में आने वाले ग्राहकों को भी वह नकली नोट दे देता है। बताया कि वह अपने किराए के फ्लैट में प्रिंटर व लेपटाप की सहायता नकली नोट छापता है व नकली नोट छापकर रेस्टोरेंट व बाजार से सामान खरीदने में इस्तेमाल करता है। रेस्टोरेंट में अच्छी कमाई न होने के चलते उसने नकली नोट छापने शुरू कर दिए।
ज्यादा कमाई के लिए उसने एक काल सेंटर मल्टी टास्क जाब नाम से अपने फ्लैट में ही संचालित किया, जिसे वह अकेला ही चलाता है। इसके लिए उसने विजिटिंग कार्ड छपवाए हैं और युवक-युवतियों को नौकरी का झांसा देकर उनसे ठगी करता है। एसएसपी ने आरोपित को गिरफ्तार करने वाली टीम को 2500 रुपये नकद इनाम पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
जेल में ली नकली नोट बनाने की ट्रेनिंग
एसएसपी ने बताया कि आरोपित परमित कुमार वर्ष 2022 में फर्जी काल सेंटर चलाने के मामले में जेल गया था। वहीं पर उसने नकली नोट छापने की ट्रेनिंग ली। जेल से छूटने के बाद उसने प्रिंटर व लेपटाप लिया और नकली नोट छापने शुरू कर दिए। आरोपित नकली नोट बनाने में जिस पेपर का इस्तेमाल करता था, वह बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होते। ऐस में पता किया जा रहा है कि वह यह पेपर कहां लेकर आता था। आरोपित के पास से एक वाहन, मोबाइल फोन, विजिटिंग कार्ड, लेपटाप, एक प्रिंटर, रिंग कागज व कटिंग सामग्री भी बरामद की गई है।
स्रोत im