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OMG : पहले दो नाबालिक बच्चियों से दुष्कर्म, जेल से छूटने के बाद तीसरी बच्ची के साथ भी, उठ रहे कई सवाल, देखें रिपोर्ट:-

नरसिंहगढ़ में 11 वर्षीय मूक-बधिक बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपित गिरफ्तार हो गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसने न्यायिक प्रक्रिया को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। बड़ा सवाल यह है कि मासूम बच्चियों के साथ दरींदगी करने वाले ऐसे आदतन यौन अपराधी समाज में खुलेआम कैसे घूम रहे हैं?

मध्यप्रदेश की राजगढ़ पुलिस ने इस मामले में रमेश खाती, पिता घासीराम खाती (40) को पकड़ा है। वह घटना स्थल नरसिंहगढ़ से 200 किलोमीटर दूर शाजापुर जिले के अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र के बड़ी पोलाए गांव का रहने वाला है। रमेश ने वर्ष 2003 में अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र में ही एक पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। पकड़ा गया तो 10 साल की सजा हुई।

वर्ष 2013 में वह जेल से बाहर आया। कुछ महीनों बाद 2014 में उसने सीहोर के आष्टा में आठ साल की एक बच्ची के साथ हैवानियत की। इस मामले में निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई। पिता ने खेत बेचकर उसका मुकदमा लड़ा और 2019 में उच्च न्यायालय ने तकनीकी आधारों पर उसे बरी कर दिया।

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एक-दो फरवरी 2025 की रात उसने राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में 11 साल की एक मूक-बधिक बच्ची को अपनी दरिंदगी का शिकार बना लिया। सुबह बच्ची गंभीर अवस्था में झाड़ियों में मिली थी। उसकी जान बचाने के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आठ फरवरी को उसने दम तोड़ दिया।

इस मामले में पुलिस ने तीन फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कर अपराधी की तलाश शुरू की थी। 16 दिनों की छानबीन और छापेमारी के बाद उसे पकड़ा जा सका है। पुलिस ने उसे राजगढ़ के ही भोजपुर थाना क्षेत्र के होड़ा माता मंदिर के समीप से पकड़ा है।

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पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा का कहना है कि पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि उसने दुष्कर्म के बाद बच्ची को जान से मारने के लिए गला दबाया था। वह निश्चिंत था कि बच्ची मर गई और अब उसे कोई नहीं पहचान पाएगा।

प्रक्रिया की खामियों ने फांसी से बचाया

2014 में सीहोर की अदालत ने रमेश खाती को मौत की सजा सुनाई थी। अपील में उच्च न्यायालय में खाती के वकील यह साबित कर ले गए कि पहचान परेड में बच्ची के पिता मौजूद थे, जिन्होंने उसे इसकी पहचान के लिए बताया होगा। पता चला कि पुलिस ने पहचान परेड की वीडियोग्राफी नहीं कराई थी।

न्यायिक अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहचान परेड की वीडियोग्राफी कराई होती तो वहां पिता की मौजूदगी होने के बाद भी न्यायालय में इसे मेनुपुलेशन साबित नहीं किया जा सकता था।

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अपनी बेटी से दुष्कर्म की कोशिश कर चुका

राजगढ़ पुलिस के मुताबिक आरोपित रमेश खाती 10 साल की उम्र से गांजा पीता है। आदतन यौन अपराधी है। वह अपनी 14 साल की बेटी से दुष्कर्म की कोशिश कर चुका है। इसकी वजह से इसका पत्नी से विवाद है। वह घर छोड़कर उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ही पड़ा रहता था।

भंडारों में खाना खाता, गांजा पीता और छोटी-मोटी चोरियां कर अपना खर्च निकालता था। जिस रात उसने बच्ची को अगवा किया उसी रात नरसिंहगढ़ मंडी में एक विक्षिप्त महिला को शिकार बनाने की कोशिश की थी, लोगों के शोर मचाने पर वह भागा।

स्रोत im

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