क्राइम
OMG : शराब के नशे में युवती से हैवानियत की हदें पार, मानसिक संतुलन तक खो बैठी युवती, फिर पुलिस ने किया ये काम……..
दिल्ली में दक्षिणी पूर्वी जिला पुलिस ने ओडिशा की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपितों ने युवती के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। इन्होंने दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय से कुछ मीटर की दूरी पर युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इससे युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया।
बताया गया कि 10 अक्टूबर की देर रात करीब तीन बजे एक नौसेना अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी थी कि सराय काले खां इलाके में एक युवती गंभीर हालत में है। पुलिस ने युवती को गंभीर हालत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया था। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। आरोपितों ने उसे अर्धनग्न अवस्था में सराय काले खां फेंक दिया था।
21 दिन बाद दरिंदे हुए गिरफ्तार
वहीं, पुलिस ने 21 दिन बाद तीन आरोपियों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाले प्रमोद और शमशुल लंगड़ा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से वारदात में प्रयोग ऑटो, पीड़िता के खून से सने कपड़े बरामद किए हैं।
आरोपित प्रभु महतो मूलरूप से बिहार के मोतिहारी के गांव गायघाट का रहने वाला है। वर्तमान में कोटला मुबारकपुर में रहता है। वह दो महीने पहले दिल्ली आया था और आटो चलाने लगा। उसके सात बच्चे हैं। वह छठ पूजा की पूर्व संध्या में दिल्ली छोड़कर बिहार फरार होने की फिराक में था।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर स्थित गांव अमरतार निवासी आरोपित प्रमोद उर्फ बाबू वर्तमान में नरेला पाकेट चार में रहता है। वह तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन के पास चांद मोहम्मद की कबाड़ की दुकान पर काम करता है। जबकि दिव्यांग आरोपित मोहम्मद शमसुल उर्फ राजू बिहार के बेगूसराय स्थित बकरी सलोना गांव का रहने वाला है। वर्तमान में गांधीनगर स्थित गुरुद्वारे वाली गली में रहता है और भीख मांगता है।
शराब पीकर आरोपितों ने कई बार की हैवानियत
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वारदात की रात को प्रमोद उर्फ बाबू और मोहम्मद शमशुल ने शराब पी। इस दौरान उन्होंने युवती को देखा। दोनों उसे जबरन सुनसान जगह ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया, तभी आरोपित आटो चालक प्रभु ने उन्हें देख लिया। फिर उसने भी युवती को जबरन अपने आटो में बैठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे सराय काले खां फेंककर फरार हो गया।
सामाजिक कार्यकर्ता बनी महिला सिपाही को बताई आपबीती
दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए एक महिला सिपाही को सामाजिक कार्यकर्ता बनाकर पीड़िता के पास भेजा गया था, चूंकि सदमे की वजह से युवती घटनास्थल सहित अन्य जानकारी नहीं दे पा रही थी। ओडिशा की एक महिला को नर्स के रूप में उसकी देखभाल के लिए रखा गया। जब दोनों पर पीड़िता को भरोसा हो गया, तो उसने अपने साथ हुई हैवानियत के बारे में बताया।
बताया गया कि सोशल वर्क में एमए करने वाली पीड़िता नौ मई को अपने स्वजन को बिना बताए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आई थी। वह किशनगढ़ थानाक्षेत्र में किराये पर रहती थी। नौकरी नहीं मिलने पर वह कमरा छोड़कर बस स्टाप, रेलवे स्टेशन और फुट ओवरब्रिज के पास रहने लगी।
युवती के माता-पिता उसे दिल्ली लेने भी आए थे, लेकिन उसने वापस जाने से इन्कार कर दिया था। इस दौरान उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया था। पुलिस मामले में जांच करने में लगी हुई है।
700 सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपितों तक पहुंची पुलिस
आरोपितों तक पहुंचने के लिए पुलिस की 10 टीमों ने करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इस दौरान 150 से अधिक ऑटो रिक्शा वालों से पूछताछ की गई, तब तीनों आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़े। वर्तमान में पीड़ित युवती का उपचार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मनोचिकित्सक विभाग में चला रहा है। एम्स में उसके संवदेनशील अंगों का आपरेशन हुआ है। घटना के बाद से वह सदमे में है। इस से वह मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती है।
स्रोत im