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20 कश्मीरी पंडितों के हत्या का आरोपी बिट्टा कराटे ,जाने कैसे बचा
मुंबई: कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनके नरसंहार पर बनी ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की चर्चा मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब हो रही है।
इस फिल्म ने एकबार फिर से खूंखार आतंकी फारुख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की हैवानियत को ताजा कर दिया है। बिट्टा कराटे पर कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप था। मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में खुद उसने इस बात को कबूला था। बिट्टा कराटे को फांसी का डर था, लेकिन उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत न मिल पाने के कारण वह जमानत पर रिहा हो गया था।
कौन था फारुख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे ?
बिट्टा कराटे श्रीनगर का रहने वाला हट्टा-कट्टा युवक था। उसने 20 साल की उम्र में पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकी बनने की ट्रेनिंग की थी। कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का एरिया कमांडर इशफाक मजीद वानी के इशारों पर वह कश्मीरी पंडितों की हत्या करता था।
अपने इंटरव्यू में बिट्टा कराटे ने बताई थी हैवानियत की दास्तां
बिट्टा कराटे ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि पहली जब उसने हत्या की तो उसे थोड़ी असहज हुई थी, लेकिन उसके बाद वह हत्या पर हत्या करता गया। उसने तकरीबन 20 लोगों की हत्या की थी, जिसमें ज्यादातर कश्मीरी पंडित थे। सबसे पहले उसने सतीश कुमार टिक्कू की हत्या की थी, जिसका संबंध आरएसएस से था।
16 वर्षों तक जेल में रहा बिट्टा
बिट्टा कराटे 16 वर्षों तक जेल में रहा। साल 1990 में उसे पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिर साल 2006 में जम्मू की टाडा अदालत ने बिट्टा कराटे को जमानत दे दी थी। जाँच एजेंसियों के पास बिट्टा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं थे। विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स में बिट्टा कराटे के किरदार को भी कथित रूप से फिल्माया गया है।