Connect with us

क्राइम

इश्क की राह में शुभम बन गया था रोड़ा, छह दोस्तों ने कहा माफ करना भाई, अब तुम्‍हें मरना ही होगा, पढ़ें खौफनाक घटना….

भागलपुर के अकबरनगर के शुभम कुमार राय हत्याकांड में गिरफ्तार शाहिद रजा ने किया जुर्म का इकबाल। पुलिस को बताया कि कैसे छह दोस्तों को भरोसे में लेकर किया दोस्त का कत्ल। शुभम के शव के अवशेष से मिली हड्डियों को रखा गया है विशेष रासायनिक प्रक्रिया के लिए।

भागलपुर के अकबरनगर थाना क्षेत्र के मकंदपुर निवासी इंटर के छात्र शुभम कुमार राय की हत्या उसके जिगरी दोस्त शाहिद रजा ने ही छह दोस्तों के साथ मिलकर की थी। शाहिद ने शुभम हत्याकांड में अपने जुर्म का इकबाल करते हुए पुलिस के समक्ष हत्याकांड का सच प्रकट कर दिया है।

एसएसपी बाबू राम ने बताया कि शाहिद ने कबूल किया है कि उसका दोस्त शुभम उसके प्यार की राह में रोड़ा बन गया था। वह उस लड़की से शुभम को जितना दूर करने की कोशिश कर रहा था वह उससे उतना ही नजदीक होता जा रहा था। शुभम का घंटों मोबाइल से उस लड़की से बातें करना उसे नागवार गुजरने लगा। कई बार ट्रेन से भागलपुर आने के क्रम में शाहिद ने शुभम को ऐसा करने से मना किया था, लेकिन वह उसके प्यार को अपना पहला प्यार मान उसे ही उलाहना दे यह कहने लगा कि वही दोनों के बीच में रुकावट बन रहा है। बस उसने फैसला कर लिया कि अब वह शुभम को ही रास्ते से हटा देगा।

शाहिद ने अपने जिगरी दोस्त शुभम को रास्ते से हटाने के लिए फतेह, गुड्डू, गोल्डन और एक अन्य को कत्ल की साजिश समझाकर शुभम को रास्ते से हटाने के लिए अकबरनगर इलाके के अन्य दोस्तों जयकिशन और उसके भाई को भी राजी कर लिया। इस कार्य में उसे रिश्तेदारों का भी पैसे से सहयोग मिला।

साजिश के मुताबिक अशोक यादव, रोहित कुमार, जयकिशन, विश्वजीत समेत अन्य साथी भागलपुर रोज की तरह पहुंचे। भागलपुर शहरी इलाके में कई जगहों पर घूमा और शुभम को पहले भरोसे में लिया। इस दौरान जोगसर और नाथनगर थाना क्षेत्र स्थित एक रेस्टोरेंट भी गए थे। पूरा भरोसा जीतने के बाद शुभम को अकबरनगर रेलवे क्राङ्क्षसग के पास 28 मार्च को बुलाया गया। जहां मकंदपुर निवासी ग्रामीण दोस्त राजकुमार के साथ शुभम पहुंचा था। वहां शाहिद कैमरा लेकर आया। फोटोग्राफी का सब्जबाग दिखाया। जहां से शुभम, शाहिद और एक विधि-विरुद्ध बालक बाइक पर बैठकर इंग्लिश चिचरौन बहियार गया। वहां पहले से नाइलान रस्सी, गमछा आदि लेकर अन्य साथी गड्ढा करके बैठे हुए थे। वहां शुभम को सभी ने मिलकर काबू कर रस्से की मदद से गला घोंट दिया, फिर उसके शव को गड्ढे में दफन कर दिया।

एसएसपी बाबू राम ने बताया कि शव जलाने को लेकर संशय की स्थिति सामने आई है। शव को जलाने संबंधी रिपोर्ट पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक नहीं दे पाए हैं। शुभम के शव के अवशेष से मिली हड्डियों को विशेष रासायनिक प्रक्रिया में दो माह के लिए रखा गया है, जिसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि शुभम को जलाया गया था या नहीं। आरोपितों ने जलाने की बात नहीं कबूली है। दो माह बाद डाक्टरों की विशेष जांच रिपोर्ट में इसका पता चल सकेगा। इसके लिए हड्डियों के अवशेष को सुरक्षित रखा गया है। शव के अवशेष को डीएनए जांच के लिए भी भेजा जा रहा है ताकि यह भी पता चल सके कि बरामद शव शुभम का ही है या नहीं।

शव मिट्टी में दफन कर दिए जाने की वजह से गल चुका था। एसएसपी ने बताया कि हत्याकांड में चार आरोपितों जिनमें एक विधि-विरुद्ध् बालक भी है, को गिरफ्तार कर लिया गया है। शाहिद को पहले भागलपुर फिर कोलकाता भगाने, वहां उसके रहने और हत्याकांड में होने वाले खर्च के इंतजाम में डेढ़ से दो लाख रुपये का सहयोग किया था। उनकी भूमिका को लेकर जांच की जा रही है। शेष चार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।

राजकुमार और घटना का कारण बनी लड़की थी साजिश से अनजान.

ग्रामीण राजकुमार के साथ बाइक से शुभम घर से निकला था। जांच में राजकुमार की हत्या में भूमिका सामने नहीं आई है। उसके बाइक का इस्तेमाल या रेलवे क्रास‍िंग तक वह गया जरूर था। जांच में यह बात साफ हो गया है कि हत्या या हत्याकांड की साजिश में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। हत्याकांड में जिस लड़की का नाम चर्चा में आया उसकी भी हत्या में कोई संलिप्तता सामने नहीं आई है। एसएसपी ने बताया कि लड़की पहले शाहिद से मोबाइल पर बातें करती थी। मिलती भी थी। प्रेम भी करती थी। चुकी शाहिद का दोस्त था शुभम, इसलिए वह उससे भी उसी तरह खुलकर बातें किया करती थी। घंटों देर रात तक बातें करना उसकी आदत में शुमार था। लेकिन वह इस बात से अंजान थी कि उसके मोबाइल से बात करने से शाहिद नाराज हो शुभम की हत्या करा देगा।

प्रैक्टिकल की कापी खरीदने के बहाने बुलाकर बाइक से ले गए थे साथी

भागलपुर के आर्यभट्ट स्कूल में इंटर का छात्र रहे शुभम कुमार राय को उसके गांव स्थित घर गांधी निकुंज में रहने वाला साथी राजकुमार राय प्रैक्टिकल कापी खरीदने के बहाने ग्लैमर बाइक बीआर 10 टी 7077 से 28 मार्च को घर से ले गया था। शुभम के पिता वरदान कुमार राय ने अकबरनगर थानाध्यक्ष को बेटे के लापता होने और किसी अनहोनी की आशंका और संभावित घटना में उसके दोस्तों की भूमिका की जानकारी दे आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया था। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार पिता ने जानकारी दी थी कि 28 मार्च की सुबह दस बजे राजकुमार राय की बाइक पर शुभम घर से निकला था।

शुभम और राजकुमार ने अपने दोस्त इंग्लिश चिचरौन निवासी शाहिद राजा से फोन कर दो हजार रुपये और एक आटोमेटिक कैमरा लेकर अकबरनगर रेलवे फाटक के पास बुलाकर लिया था। उसी समय श्रीरामपुर निवासी शुभम का दोस्त जयकिशन यादव ने शुभम की मोटरसाइकिल पर बैठकर शाहकुंड की तरफ गाड़ी चलाते चला गया था। उसके बाद शुभम, जयकिशन, राजकुमार, के मोबाइल का स्विच आफ हो गया था। फिर इलाके के लोग भी वरदान कुमार राय के बेटे शुभम के लापता होने पर अनहोनी की आशंका जाहिर करते हुए विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। एक विधि-विरुद्ध बालक के पकड़ में आने पर हत्याकांड का राज सामने आया। उसकी निशानदेही पर शव बरामद कर लिया गया था।

कैमरा लेने के बहाने बुलाया था इंग्लिश चिचरौंन बहियार

अपनी प्रेमिका से शुभम की नजदीकियां बढ़ती देख शाहिद रजा के मन में शुभम को रास्ते से हटाने के लिए साजिश चल रही थी। 28 मार्च को शाहिद रजा व जयकिशन ने शुभम को कैमरा लेने के बहाने इंग्लिश चिचरौंन के कटलिया बहियार बुलाया। वहां चार लोगों ने शुभम के मुंह को गमछे से लपेट कर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शुभम के शव को छिपाने के लिए खेत में पहले से खोदे गड्ढे में दफनकर झाडिय़ों से ढक दिया। इसी वजह से पांच दिनों तक किसी को भी पता नहीं चल सका।

सच सामने आया तो पुलिस के उड़े होश

पुलिस ने उसके दोस्तों को पूछताछ के लिए थाना बुलाया जिनमें शाहिद रजा भी था। पूछताछ के दौरान पुलिस को शुभम के दोस्तों की झूठी बात हजम नहीं हुई। पुलिस को दोस्तों द्वारा बताई गई बातों में झोल लगा। इसके बाद पूछताछ चल ही रही थी कि शाहिद रजा अगली सुबह हिरासत से फरार हो गया। इससे पुलिस का शक और बढ़ गया। पुलिस ने एक-एक कर घटना में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छोपमारी की व शुभम के हत्या का मास्टरमाइंड शाहिद को गिरफ्तार किया। पुलिस ने प्रेमिका को भी बुलाया। फिर जब दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो असली सच सामने आया। शाहिद ने बताया कि शुभम उनके प्रेम में कांटा बना हुआ था। उसे निकालने के लिए उसने गमछे से गला दबाकर शुभम की हत्या कर दी। इसके बाद शव को मिट्टी के नीचे दबा दिया।

शाहिद की लव स्टोरी में शुभम की एंट्री होने से बढ़ी थी तकरार

शाहिद पड़ोस की लड़की से इश्क करता था। इस लव स्टोरी में जब शुभम की एंट्री हुई तो शाहिद को घुटन महसूस होने लगी। दोनो में बातचीत और नजदीकियां बढ़ती देख उसने शुभम को कैसे भी हटाना उचित समझा। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि एक युवती से मृतक शुभम की बातचीत चल रही थी। शुभम का दोस्त शाहिद रजा भी उसी युवती से प्रेम करता था। लिहाजा उसने अपने ही दोस्त को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।

इंटरनेट मीडिया पर राजू भाई के नाम से है शाहिद राजा

शुभम हत्याकांड का मुख्य मास्टरमाइंड शाहिद रजा सोशल मीडिया पर राजू भाई के नाम से प्रचलित है। मास्टरमाइंड शाहिद रजा फेसबुक पर सक्रिय रहता था। शाहिद के पास 70 हजार रुपये का आटोमैटिक कैमरा है। इसे दोस्तों को भी देता था। कैमरे के कारण भी उसकी कई लोगों से दोस्ती हुई थी। शुभम को फोटो शूट करने का बहुत शौक था। यही कारण था कि पहले भी कई बार शुभम ने शाहिद का कैमरा लिया था। शुभम फोटो खींचकर अक्सर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करता था।

स्रोत इंटरनेट मीडिया

Continue Reading
You may also like...

More in क्राइम

Trending News

Follow Facebook Page

About

अगर नहीं सुन रहा है कोई आपकी बात, तो हम बनेंगे आपकी आवाज, UK LIVE 24 के साथ, अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी प्रमुख मुद्दों की खबरें प्रकाशित करने के लिए संपर्क करें।

Author (संपादक)

Editor – Shailendra Kumar Singh
Address: Lalkuan, Nainital, Uttarakhand
Email – [email protected]
Mob – +91 96274 58823