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मदरसों के साथ क्या करने जा रहे हैं CM योगी आदित्यनाथ? बनाया ये बड़ा प्लान
जबरदस्त बहुमत के साथ यूपी की सत्ता में दोबारा वापसी करने वाले सीएम योगी (Yogi Adityanath) फुल फॉर्म में हैं. उन्होंने अब इस्लाम की शिक्षा दे रहे मदरसों पर अपना ध्यान फोकस किया है.
मुस्लिम बच्चों को मॉडर्न एजुकेशन देने का प्लान.
सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार, मुस्लिम बच्चों (Muslim Children) को आधुनिक और एडवांस्ड एजुकेशन देने की बड़ी योजना पर काम कर रही है. इसके लिए यूपी सरकार के मदरसों (Madrasas) में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. इस ऐप के जरिए उन्हें उन स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां सिखाई जाएंगी, जिन्होंने भारत और इसके इतिहास के लिए संघर्ष किया है.
देशभक्ति सिखाएगा नया मोबाइल ऐप.
सीएम योगी की सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) ने इस पहल की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार चाहती है कि मदरसों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी देशभक्ति से भरे हों. इसके लिए मदरसा (Madrasas) पाठ्यक्रम पर आधारित एक मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा. उसी ऐप के जरिए महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवन गाथाएं मुस्लिम छात्रों को बताई जाएंगी.
मुस्लिम लड़कियों की शादी में भी मदद
दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि सरकार के इस कदम से मुस्लिम छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ेगी और अच्छे भविष्य के लिए वे मॉडर्न एजुकेशन हासिल करने के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार मुस्लिम समुदाय की गरीब लड़कियों की शादी के लिए अनुदान भी देगी.
सरकार ने स्कूल चलो अभियान शुरू किया
बताते चलें कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में एजुकेशन को प्राइम एरिया के रूप में टारगेट कर फोकस कर रही है. इसके लिए सीएम योगी ने सोमवार को ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत की. इस अभियान में सरकार के प्राइमरी स्कूलों में शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन यानी नए बच्चों के एडमिशन पर फोकस किया जा रहा है. इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में छात्रों के सामने आने वाली विभिन्न दिक्कतों को भी इस अभियान में दूर किया जाएगा.
‘सभी बच्चों के एडमिशन पर हो काम’
अभियान की शुरुआत करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा, ‘हमें बुनियादी शिक्षा पर विशेष जोर देना होगा. कोविड-19 महामारी के कारण 2 साल बाद अभियान शुरू किया जा रहा है. हो सकता है कि जो बच्चे स्कूल नहीं गए, उन्हें लौटने में आलस आ रहा हो. लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा छूटे नहीं और सभी को स्कूलों में प्रवेश दिया जाए.
स्रोत इंटरनेट मीडिया