उत्तराखंड
बड़ी खबर (लालकुआं) खबरें प्रकाशित होने के बाद युवा मोर्चा फिर हुआ सक्रिय, तहसीलदार को ज्ञापन सौंप उठाई ये मांग, नगर पंचायत से जुड़ा है पूरा मामला, पढ़ें खास रिपोर्ट:-
लालकुआं
रिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार सिंह
बीते वर्ष 2022 में 17 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक नगर पंचायत लालकुआं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितताओं को लेकर युवा मोर्चा द्वारा चलाए गए आंदोलन एवं जांच समिति गठित होने और 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सार्वजनिक व कार्यवाही करने की सहमति के बाद युवा मोर्चा के धरना प्रदर्शन की समाप्ति के 45 दिन से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद जांच रिपोर्ट का कोई अता पता नहीं होने की खबर प्रकाशित होने के बाद युवा मोर्चा हरकत में आया और अध्यक्ष बॉबी सम्मल के नेतृत्व में युवा मोर्चा की टीम ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए नगर पंचायत लालकुआं के विरुद्ध तीन सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की गई।
बताते चलें कि युवा मोर्चा के टीम को जिलाध्यक्ष से लेकर स्थानीय भाजपा नेताओं और विधायक मोहन सिंह बिष्ट द्वारा आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी लेकिन अध्यक्ष बॉबी सम्मल ने समिति गठित होने तक अपनी टीम के साथ धरना प्रदर्शन जारी रखा। बाद में जांच समिति गठित होने के बाद 16 दिसंबर 2022 को विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने बॉबी सम्मल और उनकी टीम को जूस पिलाकर धरना प्रदर्शन समाप्त करवाया।
इस दौरान 3 सदस्य जांच कमेटी का पत्र भी दिखाया गया और टीम द्वारा नगर पंचायत के विरुद्ध 15 दिन के भीतर जांच करने एवं रिपोर्ट सार्वजनिक करने व आवश्यक कार्रवाई की गई थी। हालांकि इस दौरान बॉबी ने अपना बयान दिया था कि यदि 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट नहीं हो जाती और दोषियों पर कार्यवाही प्रारंभ नहीं हो जाती तो वह पुनः अपना धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। मगर तय समय सीमा से 45 दिन से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई हलचल नहीं दिखाई दे रही है।
जब इस पूरे प्रकरण की खबर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई तो युवा मोर्चा हरकत में आया और उसने आनन-फानन में तहसीलदार के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर उक्त जांच रिपोर्ट शीघ्र सार्वजनिक करने की मांग की और अपनी पुरानी मांग दोहराई कि यदि जल्द जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाती और दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो युवा मोर्चा फिर से आंदोलन करने को बाध्य होगा।
अब ऐसे में देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी सहित युवा मोर्चा के नेता एवं पदाधिकारी क्या रुख अपनाते हैं और कब तक रिपोर्ट सार्वजनिक हो पाती है।