आपदा
अलर्ट। उत्तराखंड में बरस रही आफत की बारिश, मां-बेटी की मौत, इतने मार्ग बंद, देखें रिपोर्ट:-
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में दो दिन से हो रही भारी वर्षा से दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। टिहरी जिले में बादल फटने, भूस्खलन और नदी-नालों के उफनाने की घटनाओं से व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है।
बूढ़ाकेदार के तोली और तिनगढ़ गांव में शुक्रवार रात वर्षा आफत बनकर बरसी। तोली में बादल फटने से हुए भूस्खलन से मकान ध्वस्त हो गया। मलबे में दबकर मां-बेटी की जान चली गई। घर के तीन सदस्यों ने किसी तरह भागकर जान बचाई।
तिनगढ़ गांव में प्रशासन ने सूझबूझ दिखाते हुए पूरे गांव के लगभग 80 घरों को शनिवार सुबह ही खाली कराकर परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था, लेकिन शाम को भूस्खलन से यहां 15 मकान ध्वस्त हो गए। दोनों गांवों के लोग दहशत में हैं। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
झोपड़ी बहने से मां-बेटी लापता
टिहरी जिले के झाला गांव में धर्मगंगा नदी के उफान में आने से झोपड़ी बह गई। इससे मां-बेटी लापता हो गईं। दो लोगों ने भागकर जान बचाई। पर्वतीय क्षेत्रों में अब भी 51 ग्रामीण मार्ग बंद हैं।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन होने के कारण यात्रियों को नौ घंटे तक रोका गया। यहां करीब 2500 यात्री फंसे रहे। बदरीनाथ हाईवे कंचनगंगा के पास 12 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी चार घंटे बाधित रहा।
मां-बेटी की मलबे में दबने से मौत
तोली गांव में शुक्रवार रात भारी वर्षा हो रही थी। बोल्डर गिरने की आवाज सुनकर गांव के वीरेंद्र शाह अपनी पत्नी सरिता देवी (37) और बेटी अंकिता (15) के साथ घर के बाहर बरामदे में बैठे थे। बहू करिश्मा और एक साल की पोती अदिति कमरे में सो रही थीं। रात लगभग साढ़े 11 बजे सरिता देवी स्वेटर लेने के लिए कमरे में गईं। उसकी बेटी अंकिता भी मां के पीछे-पीछे चली गई।
अचानक मकान की दीवार भारी मलबे के साथ सरिता देवी और अंकिता के ऊपर गिर गई। जब तक वीरेंद्र शाह अंदर जाते मां-बेटी मलबे में दब गए। उन्होंने दोनों को निकालने का प्रयास किया मगर कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद दूसरे कमरे में जाकर बहू और पोती को जगाकर बाहर निकाला। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम देर रात ही गांव पहुंच गई।
विधायक शक्तिलाल शाह और डीएम मयूर दीक्षित ने तोली गांव पहुंचकर मृतक के स्वजन को नौ लाख 35 हजार रुपये का चेक दिया। बादल फटने से बालगंगा और धर्मगंगा नदियों का रौद्र रूप देख बूढ़ाकेदार घाटी के हजारों ग्रामीण रात भर जागते रहे।
प्रशासन ने तोली, तिनगढ़, भिगुन और बूढ़ाकेदार गांवों में अगले तीन दिन स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। जीआईसी विनयखाल में शिफ्ट किए गए लोगों के लिए भोजन, दूध, पेयजल, चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था की गई है।
उधर, झाला गांव में धर्मगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नेपाली मूल के परिवार की झोपड़ी बह गई। इससे पप्पू की पत्नी जया (32) और बेटी मोनिका (7) लापता हो गईं। पप्पू और उसके भाई रमेश ने किसी तरह भागकर जान बचाई। दोनों की तलाश की जा रही है। चमोली जिले के नारायणबगड़ के पावर स्टेशन पंती के पास रहने वाले 11 मजदूरों और पांच अन्य लोगों ने बोल्डर गिरने के कारण भागकर अन्यत्र रात गुजारी।
यहां भी आफत
- पिथौरागढ़ के धारचूला में दोबाट के पास भारी भूस्खलन से चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट मार्ग अवरुद्ध हो गया है।
- दो प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं में शामिल मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना प्रथम व द्वितीय की टरबाइन की रफ्तार पर भागीरथी में बढ़ती सिल्ट ब्रेक लगा रही है। गाद बढ़ने के कारण मनेरी शनिवार की शाम को यहां विद्युत उत्पादन शुरू नहीं पाया।
- टिहरी में बालगंगा और धर्मगंगा नदियों के किनारे बने मोटर मार्ग बहने से लगभग 10 गांवों का संपर्क ब्लाक मुख्यालय से कट गया है। धर्मगंगा नदी किनारे बूढ़ाकेदार-पिंसवाड़ रोड का बड़ा हिस्सा बरसात में बह गया।
- कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया। दस घंटे बाद नलगांव में वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई।
51 ग्रामीण मार्ग बंद
- रुद्रप्रयाग 11
- चमोली 22
- उत्तरकाशी 03
- पौड़ी 4
- टिहरी 11
स्रोत im