उत्तराखंड
Bad News: 23 साल बाद भी क्या ऐसे ही दिन देखने के लिये बनाया था अपना उत्तराखंड राज्य, देखें ये रिपोर्ट:-
गोपेश्वर। आने वाली 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य पूरे 24 वर्ष का हो जाएगा मगर इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी पहाड़ों पर पहाड़ जैसी दुश्वारियां आज भी बनी हुई है। यहां के लोगों को आज तक तमाम पर्वतीय इलाकों में सड़क नसीब नहीं हो पाई है जिसकी वजह से लोगों को आवागमन करने में दिक्कत तो होती है साथ ही गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचने में भी उनके साथ-साथ असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ती है मगर आज इतने बरस बीत जाने के बाद भी हालत नहीं बदल पाए है।
यहां नंदानगर विकासखंड के दूरस्थ प्राणमति गांव से सात किमी की पैदल दूरी तय कर गर्भवती को कुर्सी की पालकी बनाकर सितेल मोटर मार्ग तक पहुंचाया गया। यहां से निजी वाहन से सामुदायिक स्वास्थ केंद्र नंदानगर लाया गया।
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता लखपत सिंह ने बताया कि प्राणमति गांव की कौशल्य देवी पत्नी अनुज कुमार को मंगलवार तड़के प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। इसके बाद ग्रामीण कुर्सी की पालकी बनाकर गर्भवती महिला को क्षतिग्रस्त पैदल रास्तों से जान जोखिम में डालकर गांव से पैदल सात किमी की दूरी तय कर सितेल गांव लाए।
यहां से निजी वाहन से गर्भवती को नंदानगर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। लोगों का कहना है कि आए दिन गांव के ग्रामीणों के लिए बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को कुर्सी की पालकी बनाकर सड़क मार्ग तक लाना चुनौती बना हुआ है।
सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन को मौखिक व लिखित रूप से अवगत कराया, लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि एक दशक से सिर्फ गांव में सर्वें किए जाने का ही आश्वासन ग्रामीणों को दिया जा रहा है।
स्रोत im