उत्तर प्रदेश
सीओ ने कहा:- जुमा साल में आता है 52 बार होली सिर्फ एक बार, रंगों से परहेज करने वाले ना निकले घरों से बाहर, अब CM योगी बोले…….
यूपी:- संभल के सीओ अनुज चौधरी ने होली और जुमे की नमाज को लेकर हाल ही में एक ऐसा बयान दिया था, जिससे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई. हालांकि, अब अनुज चौधरी का खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पक्ष ले लिया है.
उन्होंने संभल के सीओ के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. सीएम योगी ने कहा- जो हमारा पुलिस अधिकारी है, वह पहलवान रहा है. अर्जुन अवार्डी है. पूर्व ओलंपियन रहा है. अब पहलवानी के लहजे में बोलेगा तो कुछ लोगों को बुरा लग सकता है. लेकिन जो बात सच है, उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए.
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए संभल के सीओ अनुज चौधरी ने कहा था जिस प्रकार से मुस्लिम बेसब्री से ईद का इंतजार करते हैं, ठीक उसी तरह हिंदू होली की प्रतीक्षा करते हैं. होली का त्यौहार 14 मार्च को है और इसी दिन जुमा की नमाज भी होगी. होली का दिन साल में एक बार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है. अगर किसी को लगता है होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से ना निकले.
अब सीएम योगी ने कही ये बात
इस बयान पर सियासत तेज होती जा रही है. हालांकि, सीएम योगी ने खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘होली के अवसर पर एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए. जुमे की नमाज हर शुक्रवार को होती है और होली साल में एक बार आती है. यही कहा गया है और प्यार से समझाया गया है. मैं धन्यवाद देना चाहूंगा उन लोगों का, जिन्होंने बयान जारी कर दिया कि भाई देखो पहले होली का आयोजन होने दो. 14 मार्च को होली है. 2 बजे तक होली खेलने दो, फिर आप ढाई बजे नमाज पढ़ना.’
सीएम ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा- बहुत सारे मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इसके बारे में पहले से आह्वान और अपील भी कर दी है कि हम लोग इसे मानेंगे. क्योंकि होली साल में एक बार पड़ती है और जुमे की नमाज तो हर सप्ताह पड़नी है. जुमे की नमाज स्थगित भी हो सकती है. कोई बाध्यकारी तो है नहीं कि होना ही होना है. अगर कोई व्यक्ति नमाज पढ़ना ही चाहता है तो अपने घर में पढ़ सकता है. आवश्यक नहीं कि वह व्यक्ति मस्जिद में ही जाए. अगर जाना है तो रंग से परहेज मत करें. संभल में पुलिस अधिकारी ने यही बात समझाई है.
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधिकारी ने भी यह बात समझाई, ठीक है वह पुलिस अधिकारी पहलवान रहा है, अर्जुन अवॉर्डी रहा है, पूर्व ओलिंपियन है, पहलवान है तो पहलवान की तरह ही बोलेगा लेकिन सच है जो लोगों को स्वीकार करना चाहिए.
स्रोत im

