उत्तराखंड
सेंचुरी पेपर मिल के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई” नोटिस जारी कर मांगा जवाब”
मुकेश कुमार
लालकुआ कि स्थानीय सेचुरी पेपर मिल द्वारा फैलाये जा रहे जल एवं वायु प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन ने मिल प्रबंधन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है साथ ही जवाब न देने तथा व्यवस्थाएं ठीक न करने पर जिला प्रशासन ने मिल प्रबंधन के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की बात है जो कार्रवाई जिलाधिकारी और क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को द्वारा की जाएगी।।
इधर उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि लालकुआ कि स्थानीय सेचुरी पेपर मिल द्वारा जल एंव वायू प्रदूषण फैलाने की शिकायत लगातार मिल रही थी तथा उन्हें लिखित शिकायत मिली है कि मिल द्वारा जल एवं वायु प्रदूषण फैलाया जा रहा है उक्त शिकायत पर उनके द्वारा 30 अक्टूबर को मिल के दूषित नाले का निरीक्षण किया जिसमें पाया कि मिल द्वारा डिस्चार्ज गंदा पानी को घोड़ानाला में छोड़ा जा रहा है. जांच के बाद प्रथम दृष्टया में पाया गया कि गंदे पानी को बिना ट्रीटमेंट किए डिस्चार्ज किया जा रहा है वहीं घोड़ानाले में छोड़ा गया पानी, जो गौला नदी में जाकर मिलता है. जिस कारण जल दूषित हो रहा है साथ ही उन्होंने ने निरीक्षण में पाया कि फैक्ट्री द्वारा डिस्चार्ज प्वाइंट के अतिरिक्त एक बाईपास डिस्चार्ज किया गया है, जो जल अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है
उन्होंने ने बताया कि डिस्चार्ज प्वाइंट के अतिरिक्त गलत रूप से किए जा रहे डिस्चार्ज में मच्छर के लार्वा पाए गए हैं, जिससे डेंगू मलेरिया जैसी महामारी फैलने की संभावना बनी हुई है
इसके अलावा परिसर में ग्रीन बेल्ट के तीन लाइन विकसित की जानी थी, जो नहीं की गई है. जो नियमों का उल्लंघन है. जांच के बाद पाया गया कि वही परिसर में कूड़े का ढेर और डंपिंग जोन बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई परिसर की बाउंड्री वॉल से अधिक है. कूड़े में प्रतिबंधित पॉलिथीन का ढेर है, जिसे आवारा जानवर खा रहे है उन्होंने बताया कि कंसेंट के शर्त के मुताबिक फैक्ट्री द्वारा रिसाइक्लिंग प्लांट और डिस्चार्ज प्वाइंट पर वाटर मीटर लगाया जाना चाहिए था, लेकिन फैक्ट्री द्वारा बाउंड्री वॉल में बिना वाटर मीटर के डिस्चार्ज प्वाइंट को खोला गया है
अग्रिम कार्रवाई जिलाधिकारी और क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को द्वारा की जाएगी।