उत्तराखंड
(लालकुआं चुनाव BJP) तो क्या पैराशूट को मिलेगी कमान, और वर्षों पुराने नेता करेंगे आराम? युवराज जो आ गए हैं बल
लालकुआं
रिपोर्ट:-शैलेन्द्र कुमार सिंह
लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों युवराज नाम की चर्चा जोरों शोरों से है यह युवराज कोई और नहीं बल्कि भाजपा के युवराज हैं जिन्हें कोई देवेंद्र तो कोई अन्य नाम से पुकारता है हालांकि युवराज मंच पर संबोधन करते समय सबसे पहले अपने नाम के बारे में क्षेत्र वासियों को अवगत कराते हैं ताकि कोई उनके नाम के प्रति असमंजस की स्थिति ना बना सके, ऐसा इसलिए है क्योंकि युवराज लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में बीते 5 वर्षों में कभी दिखाई नहीं दिए मगर मौजूदा समय में अपना हितैषी बताकर लोगों के बीच जाने का काम जरूर कर रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष की लिस्ट लेकर भी उनके शुभचिंतक लोगों को 5-5 हजार का प्रलोभन देने का काम कर रहे हैं और यह बात सोशल मीडिया पर कई लोगों द्वारा जग जाहिर की जा चुकी है, मगर युवराज तो युवराज हैं उन्हें लालकुआं विधानसभा का हितैषी बनना है और उनकी समस्याओं को भी सुनाना है चाहे माध्यम नुक्कड़ सभा का हो या फिर विद्युत पोल पर लटके हुए होर्डिंग का। कई स्थानीय लोगों से वार्ता करने के बाद लोगों ने कहा कि उन्हें पैराशूट नहीं बल्कि विधानसभा का निवासी ही चाहिए। बताते चलें कि मौजूदा समय में महाराष्ट्र के महामहिम एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के भतीजे दीपेंद्र कोश्यारी लगातार क्षेत्र में दौड़ रहे हैं। हवाई जहाज से कभी देहरादून तो कभी मुख्यमंत्री से मिलने वाली आर्थिक सहायता लेकर लालकुआं विधानसभा में डायरेक्ट लैंडिंग कर रहे हैं हालांकि ऐसा क्यों किया जा रहा है यह सभी के समझ से परे है क्योंकि उन्हें फिलहाल क्षेत्र में कोई जानता तक नहीं, चंद गिने-चुने तत्कालीन मुख्यमंत्री के समर्थक लेकर क्षेत्र में लगातार भ्रमण करा रहे हैं और इसका फायदा उन्हें कितना होगा यह तो भविष्य के गर्त में है। क्षेत्रवासियों से वार्ता करने के बाद लोगों ने बताया कि उन्हें लालकुआं विधानसभा क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही मैदान में चाहिए ताकि वह समस्याओं का निदान कर सके। हालांकि लोगों ने यह भी कहा कि अब तक कई आए और कई गए मगर क्षेत्र की ज्वलंत समस्या जैसे बिंदुखत्ता राजस्व गांव, शहीद मोहन नाथ गोस्वामी स्टेडियम, रोडवेज बस अड्डा, मनोरंजन पार्क, हाथी कारीडोर, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था जैसी समस्याओं से आज भी क्षेत्रवासी वंचित हैं। डबल इंजन कब शुरू होगा यह तो पता नहीं मगर पैराशूट से डायरेक्ट लैंडिंग करने का मामला चर्चाओं में जरूर बना हुआ है। एक बात और गौर करने वाली है कि यहां से कई पुराने पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता वर्षों से तैयारी कर रहे हैं यदि उन्हें पार्टी आलाकमान द्वारा नहीं पूछा जाता और डायरेक्ट लैंडिंग वाले को तवज्जो दी जाती है तो भाजपा का सूपड़ा साफ भी हो सकता है।