उत्तराखंड
खुशखबरी। पंतनगर एयरपोर्ट बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कवायत हुई तेज, मगर लोगों में है डर का माहौल, देखें रिपोर्ट:-
उत्तराखंड के पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की कवायद तेज हो गई है. एयरपोर्ट के विस्तारीकरण कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र, सब्जी अनुसंधान केंद्र, प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र, टीडीसी कार्यालय, पंतनगर थाना, टीडीसी का प्रोसेसिंग प्लांट, यूको बैंक, जैव प्रौद्योगिकी परिषद, विधि फार्म निदेशालय एवं उसकी आवासीय कॉलोनी विस्तारिकरण की भेंट चढ़ जाएंगी. अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को लिए कई विभागों की 670 एकड़ भूमि को उड्डयन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. जिसके बाद टीडीसी ने अपने कर्मचारियों को एक माह के भीतर आवास खाली करने के निर्देश दें दिये है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद से ही पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की कवायद शुरू कर दी है. अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय की 565.24 एकड़, कृषि विभाग की 18.78 एकड़, टीडीसी की 4.62 एकड़, लोनिवि की 26 एकड़, तराई स्टेट फार्म की 12.30 एकड़ एवं सिडकुल की 43.04 एकड़ भूमि को उड्डयन विभाग के नाम हस्तांतरित कर दिया गया है. भूमि हस्तांतरित होने के बाद से टीडीसी की आवासीय कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों को नोटिस भेजकर एक माह के भीतर आवास खाली करने के निर्देश दिये है।
लोगों में डर का माहौल
पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद़ में निगम की हल्दी आवासीय कॉलोनी आ गई थीं, इस कॉलोनी की भूमि को उड्डयन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. जिसको जल्द ही उड्डयन विभाग के सुपुर्द करना है, निगम की तरफ से आवासीय कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों को नोटिस भेजने के एक माह के अन्दर घर खाली करने के निर्देश दिये गए हैं.पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर चल रहीं नाप-जोख के बीच संजय कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी और मस्जिद कॉलोनी को उजाड़ने की चर्चाएं जोरों पर है. जिसके कारण इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में डर का माहौल है।
पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद़ में आने कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र, सब्जी अनुसंधान केंद्र, प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र, टीडीसी कार्यालय, पंतनगर थाना, टीडीसी का प्रोसेसिंग प्लांट, यूको बैंक, जैव प्रौद्योगिकी परिषद, विधि फार्म निदेशालय एवं उसकी आवासीय कॉलोनी का वजूद समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग का कुछ हिस्सा, 13 कार्यालय, 12 टीनशेड गोदाम, 25 झोपड़ियां, 10 पॉली हाउस, 4 ट्यूबवेल,1 मंदिर, 2 पानी की टंकी, 19 दुकानें,148 भवन, 1 सामुदायिक भवन एवं कई अन्य चीजों का अस्तित्व जल्द ही समाप्त हो जाएगा।
नहरों और नदियों का अस्तित्व खतरें में
एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद़ में जीवनदायिनी बैगुल, हल्दी, बरौर, मदनी नदी के साथ साथ कनेटा कोठा और बरौर नहर का अस्तित्व खतरे में आ सकता है. एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के दौरान नहर और नदी के परम्परागत रूप से छेड़खानी हुईं और संरक्षण और प्रबंधन की सही व्यवस्था नहीं हुईं तो नदी और नहर का अस्तित्व खतरे में आ सकता है. जिसका सीधा असर वन्यजीवों और किसानों पर पड़ेगा।
स्रोत im