उत्तराखंड
हरिद्वार पंचायत चुनाव v/s जहरीली शराब कांड, जिस महिला ग्राम प्रधान प्रत्याशी पर लगा आरोप, उसे ही जनता ने बनाया प्रधान, हुई थी 12 लोगों की मौत
हरिद्वार में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में मतगणना के बाद जिस बहुचर्चित शराब कांड में 12 लोगों की मौत हुई थी और जिन्हें आरोपित बनाया गया वही चुनाव जीत जाएंगी यह किसी अचंभे से कम नहीं।
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के बीच पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग को हिलाकर रख देने वाले पथरी शराबकांड की आरोपित बबली देवी ने एक वोट से चुनाव जीतकर रिकार्ड बना दिया।
फूलगढ़ और शिवगढ़ में 12 ग्रामीणों की मौत के मामले में पुलिस बबली के पति बिजेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि, बिजेंद्र की पत्नी बबली और भाई नरेश मुकदमे में नामजद होने के बावजूद पकड़ से दूर हैं। अब बबली के प्रधान बनने पर स्वजन और समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने बिजेंद्र को झूठा फंसाया है। इसलिए उन्होंने पूरी मेहनत से बबली को चुनाव जिताया है। यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कच्ची शराब पीने से 12 ग्रामीणों की हो गई थी मौत
पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान पथरी क्षेत्र के फूलगढ़ और शिवगढ़ में कच्ची शराब पीने से 12 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। पहले दिन प्रशासन शराब पीने से ग्रामीणों की मौत की बात से इन्कार करता रहा। लेकिन, अगले दिन मौत का आंकड़ा बढ़ने पर प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। वहीं, पुलिस ने प्रधान पद की प्रत्याशी बबली के पति बिजेंद्र को गिरफ्तार कर पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया।
एसएसपी ने पथरी थाने में प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया था कि बिजेंद्र ने छह माह पहले अपने खेत में ही कच्ची शराब बनाई थी और कोल्ड ड्रिंक की बोतलों में भरकर बांटी गई शराब पीने से ही ग्रामीणों की मौत हुई। पुलिस ने निशानदेही के आधार पर जेसीबी से खेत की खोदाई कर कच्ची शराब भी बरामद की थी। बाद में यह मामला एसआइटी को सौंप दिया गया था।
पुलिस का दावा था कि जल्द ही बबली और नरेश को भी गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन, ग्रामीणों ने केवल बिजेंद्र की गिरफ्तारी का विरोध जताते हुए आरोप लगाया था कि इस कांड में अकेला बिजेंद्र दोषी नहीं है, बल्कि शराब तो आठ प्रत्याशियों ने बांटी थी।
ग्रामीणों ने प्रशासन की जांच में भी यही बयान दर्ज कराए। शायद यही वजह है कि पुलिस आगे कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। बहरहाल, चुनाव नतीजे आने पर बबली की एक वोट से हुई जीत ने सबको चौंका दिया। बबली को 859 और प्रतिद्वंद्वी स्वाति को 858 वोट मिले हैं। जेल में बंद बिजेंद्र के परिवार और समर्थकों में खुशी का माहौल है।
130 ग्राम प्रधान और 48 बीडीसी सीटों पर परिणाम घोषित
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सुबह आठ बजे जिले के सभी छह ब्लाकों में एक साथ मतगणना शुरू हुई। खबर लिखे जाने तक ग्राम प्रधान के 316 पदों के सापेक्ष 130, जबकि क्षेत्र पंचायत सदस्य के 218 पदों के सापेक्ष 48 प्रत्याशी निर्वाचित घोषित हुए।
वहीं जिला पंचायत की 44 सीटों पर देर रात तक कोई परिणाम घोषित नहीं हुआ है। इधर, लक्सर ब्लाक में मतपेटी बदलने को लेकर प्रत्याशी और समर्थकों ने हंगामा भी किया। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने भी गड़बड़ी का आरोप लगाया। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने विभिन्न मतगणना स्थलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की 4305 सीटों पर 8791 प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा सोमवार को मतदान के बाद बंद कर दिया था। जिले में 8.5 लाख से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले और 85.20 प्रतिशत मतदान हुआ।
समय से परिणाम घोषित हों, इसके लिए प्रशासन की ओर से 277 टेबल लगाई गई। दावा 12 घंटे में परिणाम जारी करने का किया गया। सुबह आठ बजे सभी छह ब्लाकों में एक साथ मतगणना शुरू हुई। जिले के सबसे बड़े बहादराबाद ब्लाक में मतगणना के लिए 80 टेबल लगी।
वहीं रुड़की में 41, भगवानपुर में 53, नारसन में 51, लक्सर में 36 और खानपुर में 16 टेबल लगी। मतगणना की धीमी रफ्तार के चलते खबर लिखे जाने तक जिला पंचायत की 44 में से एक भी सीट का परिणाम घोषित नहीं हो पाया। जबकि, राजनीतिक दलों से लेकर प्रत्याशी और मतदाताओं सबकी नजर परिणाम पर टिकी रही।