उत्तराखंड
उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर किराया पूर्व सीएम हरीश रावत का फिर आया बड़ा बयान, जाने क्या है पूरा मामला
प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस में विरोधियों के निशाने पर आए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि वह और उनकी बेटी चुनाव हारें, कुछ लोग ऐसा चाहते थे। ये लोग कौन हैं, इनका पता लगाया जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
भाजपा ने उन पर जबर्दस्ती चिपका दिया मुद्दा
उन्होंने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा भाजपा ने उन पर जबर्दस्ती चिपका दिया। वह उत्तराखंडियत के मुद्दे पर मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार को घेरने में कामयाब हो रहे थे तो भाजपा और उनके स्टार प्रचारकों ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी का दांव खेल दिया।
मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग करने वाले व्यक्ति को प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष किसने बनाया, इसकी जांच होनी चाहिए। उनकी बेटी अनुपमा रावत के चुनाव क्षेत्र हरिद्वार ग्रामीण में उस व्यक्ति को पर्यवेक्षक बनाया जाना भी जांच का विषय है। कुछ लोग चाहते थे कि वह और उनकी बेटी चुनाव हार जाएं।
सामूहिक दायित्व से पीछे हटने वालों को सोचना चाहिए
हरीश रावत ने कहा कि जब वह कह रहे थे कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए तो सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही गई। अब हार के बाद वह जिम्मेदारी ले रहे हैं तो सामूहिक दायित्व से पीछे हटने वालों को सोचना चाहिए। त्याग की अपेक्षा केवल एक ही व्यक्ति या गुट से नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि उनकी सक्रियता ही दुर्भाग्य बन रही है। वह पीछे हटते हैं तो कहा जाएगा कि हरीश रावत ने समर्पण कर दिया। यदि पार्टी में उनकी वजह से झगड़े हो रहे हैं तो पार्टी नेतृत्व को कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस कह देगी तो वह कहीं और आशियाना ढूंढेंगे।
रावत ने कहा कि हार के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है। हारने के बाद से वह पांच हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं से बात कर चुके हैं। पार्टी प्रत्याशियों से भी लगातार मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हार के बाद इस्तीफा देने की इच्छा जताई तो उन्होंने कहा कि पहले पार्टी हाईकमान के पास जाओ। गोदियाल दिल्ली पहुंच गए।
यह है मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मामला
देहरादून जिले की सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता आकिल अहमद ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की मांग की। इस मांग करने के बाद आकिल को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पद का जिम्मा दे दिया गया। हालांकि कांग्रेस और उसके सभी दिग्गज नेताओं ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग को ही खारिज कर दिया।
भाजपा ने देवभूमि उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग को चुनाव में बड़ा मुद्दा बना दिया। हार के बाद कांग्रेस के भीतर भी इस मुद्दे को किसी भी स्तर पर रखे जाने पर अब सवाल किए जा रहे हैं।