उत्तराखंड
लालकुआं (उत्तराखंड) बिन्दुखत्ता भूमि विवाद प्रकरण में अब हुई वरिष्ठ नेता इंदर पाल आर्य की एंट्री, ये लोग भी उतरे मैदान में, किसने क्या कहा……देखें ये खास रिपोर्ट:-
लालकुआं (उत्तराखंड) बिन्दुखत्ता भूमि विवाद प्रकरण में अब हुई वरिष्ठ नेता इंदर पाल आर्य की एंट्री, ये भी रहे साथ….देखें खास रिपोर्ट:-
लालकुआं
रिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार सिंह
बिंदुखत्ता में काररोड के पास चल रहे भूमि विवाद प्रकरण में अब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं समाजसेवी इंदर पाल आर्य की एंट्री हुई है, साथ ही अंबेडकर पार्क सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश कुमार और सर्व श्रमिक कल्याण संघ के अध्यक्ष उमेद राम सहित कई अन्य पीड़ित व्यक्ति भी सामने आए है साथ ही कई वरिष्ठ कांग्रेस जन एवं एससी समाज के लोगों ने उक्त भूमि विवाद प्रकरण में अपनी प्रतिक्रिया दी है।
यह मुख्य बाजार स्थित एक स्थानीय होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं समाजसेवी इंद्रपाल आर्य ने कहा कि वह सर्व समाज को साथ लेकर चलते हैं मगर कहीं पर कोई व्यक्ति अनुसूचित समाज का सहारा लेकर गलत काम करता है साथ ही कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए आते हैं तो वह उसका बहिष्कार करते हैं।
उन्होंने बिंदुखत्ता में किरन डालाकोटी सहित कई अन्य लोग की जमीन जिस पर राजकुमार आगरी द्वारा स्वयं की भूमि बताने वाले प्रकरण में कहा है कि उक्त मामले में कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रहे है।
मौके की स्थिति और दस्तावेजों को देखकर लगता है कि एससी समाज के व्यक्ति मिलकर अन्य लोगों को परेशान करने का काम कर रहे हैं दस्तावेजों को देख कर पता चलता है की राजकुमार आगरी के पिता ने अपनी भूमि कई लोगों को बेची है और इसी क्रम में यह भूमि किरन डालाकोटी सहित कई अन्य लोगों के पास दस्तावेजों के साथ मौजूद है मगर कुछ लोग दुष्प्रचार कर गलत दिशा में जाने का काम कर रहे हैं जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा यदि कोई व्यक्ति गलत है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए और जो सही है उसे न्याय मिलना चाहिए। इसी क्रम में अंबेडकर पार्क सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश कुमार, सर्व श्रमिक कल्याण संघ के अध्यक्ष उमेद राम , कांग्रेस एससी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण धपोला ने अपने अपने वक्तव्य में कहा है कि जिस भूमि पर बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है उसे कुछ सफेदपोश राजनैतिक लोग तूल देने का काम कर रहे हैं जबकि धरातल पर परिस्थिति कुछ और ही है।
किरन डालाकोटी के नाम का जिक्र करते हुए उमेद राम ने कहा कि जो व्यक्ति आपदा के समय अपनी कई बीघा भूमि गरीबों को दान कर सकता है वह दूसरे की भूमि पर कब्जा करें ऐसा सवाल ही नहीं उठता। इसके अलावा कई दस्तावेज भी मौजूद है जिससे पता चलता है कि भूमि बाकायदा स्टांप पर खरीदी गई है मगर कुछ लोग अपनी गलत नियत के चलते बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन को निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए और जो भी पीड़ित हो उसे न्याय मिलना चाहिए।
विक्रम पाल सिंह नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि जब उन्होंने अपनी भूमि पर कुछ काम करने की योजना बनाई तो उसके बाद से ही राजकुमार आगरी उक्त भूमि को अपनी भूमि बताने लगे जिस पर अभी भी विवाद चल रहा है और वह अपनी भूमि पर कुछ कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने भी शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।