उत्तराखंड
किस्सा कुर्सी का”” पैराशूट प्रत्याशियों की फिर लालकुआं विधानसभा पर नजर” मलाई खाने को तैयार।
मुकेश कुमार
लालकुआं 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव के नजदीक आते आते विधानसभा में राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी है पिछले साडे़ 4 साल तक कोपभवन में रहने वाले तमाम नेता जनता के हिमायती होने का दम्भ भरते हुए अब उनके दुखदर्द में भागीदारी करते दिखने लगे है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही समय बचा हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने अपनी विधानसभाओं से दावेदारी पेश करना शुरू कर दिया है। नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से अकेले भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार चुनावी मैदान में ताल ठोकते दिख रहे हैं। जिसमें से मौजूदा विधायक नवीन दुम्का भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पवन चौहान राज्य सहकारी बैंक के संचालक उमेश शर्मा कमलेश चन्दोला दुग्ध संघ लालकुआं के पूर्व अध्यक्ष भरत नेगी पूर्व दर्जा राज्मंत्री हेमंत द्विवेदी शामिल हैं। प्रदीप बिष्ट व हेमंत द्विवेदी को छोड़ सभी दावेदार लालकुआं विधानसभा से ही तालुक रखते है।
बता दें कि बीतें दिनों लालकुआं के वर्तमान विधायक नवीन दुम्का ने ये आरोप लगाया था कि उनकी विधानसभा में बाहरी लोग अक्सर देखें जा रहे हैं, जोकि बाहर के दूसरे क्षेत्र के रहने वाले है और लालकुआं से अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। वर्तमान विधायक की इस बात को नज़र में रखते हुए बताया जा रहा है कि हेमंत द्विवेदी ने लालकुआं में अपना मकान खरीद लिया और जल्द ही पूजा अर्चना कर गृह प्रवेश करने की चर्चाएं हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो अभी तक वर्तमान विधायक नवीन दुम्का ही मजबूत दावेदार माने जा रहे है क्योंकि विधान सभा के सभी मंडल अध्यक्षों समेत कार्यकर्ताओं को उनके साथ ही देखा जा रहा है स्थानीय जनता भी बाहरी प्रत्याक्षियों को अस्वीकार करने की बात कहती दिखायी दे रही है। इधर मकान लेने के बाद से हेमंत द्विवेदी ने साबित कर दिया कि अब वह बाहरी नहीं बल्कि स्थानीय होने के नाते मजबूती के साथ अपनी दावेदारी कर रहे हैं।इधर बात अगर कांग्रेस की की जाय तो पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल हरेन्द्र बोरा संध्या डालाकोटी द्वारा दावेदारी की जा रही है किंतु पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल बेहद मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं विधान सभा का सबसे मजबूत गढ़ बिन्दुखत्ता के जो लोग नगर पालिका बनाये जाने को लेकर तत्कालीन विधायक व सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश दुर्गापाल के विरोध में चले गए थे आज उन्हें एहसास हो गया कि राजस्व गाँव के नाम पर उन्हें ठगा गया।इसके अलावा अपने कैबिनेट मंत्री रहते कराए गए विकास कार्यो की बदौलत आमजन की चर्चाओं के मुताबिक उन्हें बेहद मजबूत माना जा रहा है । हालांकि चुनावी डुगडुगी बजनी शुरू हो गयी है कांग्रेस भाजपा व आप पार्टी के नेता दम लगाने लगे हैं। कार्यकर्ताओं के साथ रिश्ते बदलने लगे हैं। ऐसा महसूस हो रहा है कि चुनावी जंग से पहले यहां उम्मीदवारों के चयन का ही मुकाबला रोचक होगा। फिर टिकट बंट जाने के बाद वोट के लिए घमासान का जो रोमांच होगा वह अलग।