उत्तराखंड
लालकुआं/हल्द्वानी। इसी सप्ताह वन विभाग को दो मामलों में मिली बड़ी कामयाबी, DFO हिमांशु बागरी के निर्देशन में वन विभाग की टीम ने की कार्यवाही, देखें रिपोर्ट:-
लालकुआं (शैलेन्द्र कुमार सिंह)
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी हिमांशु बागरी एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी गौला अनिल जोशी के निर्देशों के अनुपालन में वन अपराधों पर इसी सप्ताह के भीतर दो वाहनों को लकड़ी सहित पकड़ने में कामयाबी हासिल की है जबकि एक मामले में चालक को भी गिरफ्तार किया गया है।
पहले मामले में बीती 5 तारीख को मुखवीर खास की सूचना पर ऊंचा गांव द्वितीय बीट से 03 खैर प्रजाति के पेड़ो का अवैध कटान, अभिवहन करने पर वाहन महिंद्रा बोलरो रजिस्ट्रेशन नंबर UP 27 A 5050 वन अपराध में संलिप्त अभियुक्त वाहन चालक रविन्द्र कुमार को हिरासत में लिया गया। खैर पेड़ो के वाहन से कुल 11 लट्ठे बरामद किए गए है।
वन उपज खैर पेड़ो का अवैध कटान, खैर लट्ठों का अवैध अभिवहन करने उपरोक्त दर्ज वाहन को डौली रेंज लालकुआ में सीज कर दिया गया। वन अपराध में संलिप्त हिरासत में लिए गए अभियुक्त के विरुद्ध विधिक कार्यवाही कर जेल भेजने की कार्यवाही की गयी।
वन क्षेत्राधिकारी डौली रेंज नवीन सिंह पवार द्वारा बताया गया कि वन अपराध में संलिप्त अन्य अभियुक्तों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने की कार्यवाही की जा रही है।
धर पकड़ कार्यवाही में मुख्य रूप से नवीन सिंह पवार वन क्षेत्रधिकारी डौली, मनोज जोशी डिप्टी रेंजर, शिव सिंह डांगी डिप्टी रेंजर, दीपक कुमार वन आरक्षी, कैलाश भाकुनी वन आरक्षी, नवल किशोर पलड़िया वन आरक्षी, कृष्ण पाल वन आरक्षी, अर्जुन सिंह दैनिक वाचर, गौतम सिंह दैनिक वाचर, शाहिद बेग शामिल रहे।
वहीं दूसरी कार्यवाही में बीती 7 अगस्त को समय अपराह्न लगभग 5.30 PM पर दैनिक वाहन चैकिंग के दौरान किच्छा-सितारगंज नेशनल हाईवे के पिपलिया फॉरेस्ट वैरियर पर 01 वाहन महिंद्रा बोलेरो पिक अप रजिस्ट्रेशन नंबर Uk 06 CB 2388 में यूके लिप्टिश, सागौन, गुटेल मिश्रित प्रजाति के प्रकाष्ठ (जलौनी) का अवैध अभिवहन करने पर डौली रेंज लालकुआ में खड़ा कर सीज कर दिया गया।
इसके बाद वन अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई की गई। वही प्रभागीय वन अधिकारी रायपुर पर वन विभाग हिमांशु बागरी का कहना है कि अवैध रूप से वन उपज का कटान और अभिवहन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जिसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
स्रोत फॉरेस्ट डिपार्टमेंट उत्तराखंड