उत्तराखंड
(बड़ी खबर) चिकित्सक ने अपनी बेटी और पत्नी की मौत के बाद की आत्महत्या की कोशिश, तीसरी बार में मिली दर्दनाक मौत…..
विकासनगर के एक निजी अस्पताल के प्रतिष्ठित चिकित्सक हंसराज अरोड़ा ने शक्तिनहर में कूदकर जान दे दी। शनिवार देर रात नवाबगढ़ पंचायत के डाक्टरगंज क्षेत्र में पुल नंबर एक व दो के बीच उन्होंने नहर में छलांग लगाई।
रात में ही उनकी तलाश की गई, लेकिन अंधेरा होने के कारण उनका कुछ पता नहीं चला। हालांकि उनकी कार व चप्पल पुल नंबर एक के पास से बरामद की गई। रविवार को एसडीआरएफ ने डा. अरोड़ा का शव ढकरानी पावर हाउस के इंटेक से बरामद किया है।
डा. अरोड़ा इससे पहले भी दो बार शक्तिनहर में कूदे, लेकिन तब आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया था। पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला है कि डा. हंसराज अरोड़ा कुछ समय से डिप्रेशन में थे। पुलिस ने शव का पंचनामा के बाद मोर्चरी में रखवा दिया है।
डा. हंसराज अरोड़ा का बेटा सार्थक अरोड़ा व पुत्रवधु भी चिकित्सक हैं। बेटा सार्थक उनके साथ ही विकासनगर में प्रेक्टिस करता है और पुत्रवधु दून के किसी निजी अस्पताल में सेवा दे रही हैं। शनिवार को उनका बेटा सार्थक किसी काम से देहरादून गया हुआ था।
डा. हंसराज के पास उनका नौकर सुनील था, जिसे उन्होंने घर भेज दिया था। इसके बाद रात साढ़े दस बजे के करीब डा. हंसराज कार से डाक्टरगंज में शक्तिनहर के किनारे पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी कार खड़ी की और पास में ही चप्पल भी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने पुल नंबर एक और दो बीच शक्तिनहर में छलांग लगा दी।
देर रात जब डा. हंसराज अरोड़ा के पुत्र देहरादून से विकासनगर पहुंचे तो घर पर पिता को न पाकर पुलिस को सूचना दी। शनिवार रात ही पुलिस व स्वजन ने उनकी तलाश की तो कार व चप्पल शक्तिनहर किनारे पुल नंबर एक के पास मिले।
रविवार सुबह फिर एसडीआरएफ व कोतवाली पुलिस ने शक्तिनहर में डा. हंसराज अरोड़ा की तलाश की तो पावर हाउस ढकरानी के इंटेक से उनका शव बरामद हो गया। दरअसल कुछ साल पहले उनकी पत्नी की हार्ट अटैक और बेटी की अमेरिका में हादसे में मौत हो गई थी।
इसके बाद से डा. हंसराज डिप्रेशन में थे। उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में अपना उपचार भी कराया, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट के अनुसार मामले की जांच की रही है। स्वजनों से भी जानकारी ली जा रही है।
स्रोत इंटरनेट मीडिया