आपदा
लालकुआं (नैनीताल) लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित, देखें वीडियो सहित ये खास रिपोर्ट:-
लालकुआं (नैनीताल) लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित, देखें वीडियो सहित ये खास रिपोर्ट:-
लालकुआं (नैनीताल)
रिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार सिंह
2 दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते लालकुआं सहित बिंदुखत्ता और हल्दूचौड़ के कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया इतना ही नहीं बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया जिससे लोगों का लाखों का नुकसान हो चुका है।
2 दिन से लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है तो वही उत्तराखंड के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन लालकुआं में हुए व्यापक जलभराव की वजह से कई ट्रेनें रद्द की गई है।
इधर सूचना मिलने के बाद उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे और जलभराव की निकासी की व्यवस्था हेतु सेंचुरी पेपर मिल की मदद लेकर जेसीबी के माध्यम से रास्ता बनाया।
इस दौरान युवा भाजपा नेता बॉबी सम्मल भी लगातार क्षेत्र में मौजूद रहे उन्होंने बताया कि यह एक दैवीय आपदा है मगर फिर भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं और वह लगातार क्षेत्र में निरीक्षण भी कर रहे हैं।
इधर बच्चीधर्मा की ग्राम प्रधान रुक्मणी नेगी भी लगातार क्षेत्र में मुस्तैद हैं और अधिकारियों से संपर्क कर चोक हो चुके नदी नालों को खुलवाने का काम किया जिससे कि लोगों को निजात मिल सके।
सबसे बुरा हाल घोड़ानाला क्षेत्र का है जहां बड़े पैमाने पर लोगों के घर में पानी घुस गया और लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।
वहीं खड्डी मोहल्ला क्षेत्र के लोग भी भारी बारिश की वजह से परेशान है ये लोग लंबे समय से पानी निकासी की व्यवस्था की मांग कर रहे थे जिसकी सुध आज तक किसी ने नहीं ली है। राजीव नगर बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में भी सामान्य से तीन लगभग तीन गुना अधिक पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह से बंद है और लोग डर के समय में रहने को मजबूर हैं।
बिंदुखत्ता की बात करें तो यहां पर भी पानी निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोगों के घर में पानी घुस गया जिससे कि यहां भी लोग परेशान दिखाई दिए हालांकि जिला प्रशासन ने कई स्थानों पर पहुंचकर पानी निकासी का प्रबंध किया ताकि लोगों को फौरी तौर पर कुछ राहत मिल सके।
इतना सब होने के बाद सरकारी सिस्टम की बदहाली सबके सामने है क्योंकि यहां वह कहावत सिद्ध होती है कि “जब प्यास लगे तब कुआं खोदा जाए” तब तक इंसान भले प्यास से मर ही क्यों न जाए।