उत्तराखंड
(दुग्ध संघ न्यूज) ठेका श्रमिक करेंगे आमरण अनशन, इन्होंने दिया समर्थन, अध्यक्ष ने कहा नहीं है कुछ बकाया, ठेकेदार बोले- करूँगा मानहानि का केस
नैनीताल। दुग्ध उत्पादन के मामले में प्रदेश के सबसे बड़े नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं के मुख्य गेट के समक्ष ठेका श्रमिकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय चेतन ने बौद्ध महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नवीन पंत नाभादास एवं तराई-भाबर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक/अध्यक्ष रमेश पलड़िया भी प्रदर्शन कर रहे ठेका श्रमिकों के समर्थन में पहुंचे।
आंदोलनरत ठेका श्रमिकों का कहना है कि उन्हें 2018 से अब तक ईपीएफ एवं ईएसआई का लाभ नहीं मिला है जिसके चलते श्रमिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अपनी मांगों को लेकर कई अधिकारियों, दुग्ध संघ प्रबंधन एवं जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई है जिसके बाद अब सभी श्रमिक दुग्ध संघ के मुख्य गेट पर प्रदर्शन करने को बाध्य हैं। श्रमिकों का कहना है कि यदि अब भी उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो आमरण अनशन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
वहीं आंदोलनरत ठेका श्रमिकों को समर्थन देने पहुंचे नवीन पंत नाभादास ने कहा कि श्रमिक लंबे समय से परेशान हैं और उनकी कोई सुनने वाला नहीं है यदि मजदूरों का शोषण बंद नहीं किया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा आवश्यकता पड़ी तो आमरण अनशन से भी पीछे नहीं हटेंगे।
वहीं नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि ठेका श्रमिक अति आवश्यक सेवा को बाधित कर रहे हैं और मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन करना कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दे दी है।
इसके अलावा जो भी ठेका श्रमिक मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें चिन्हित करने के लिए ठेकेदार को पत्र लिखा जाएगा और ऐसे श्रमिकों की एंट्री बंद करने को भी कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलनरत ठेका श्रमिकों का समर्थन करने वाले बेवजह की राजनीति कर रहे हैं और अन्य संस्थानों में काम करने वाले श्रमिकों के यहां लाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुग्ध संघ की ओर से किसी भी कर्मचारी का ईपीएफ और ईएसआई देना बकाया नहीं है।
इसके अलावा ईपीएफ कार्यालय को भी पत्राचार किया गया है वहां से जैसे ही जवाब मिलता है उसके बाद विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। दुग्ध संघ के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों का दुग्ध संघ से कोई लेना देना नहीं है और सभी ठेका श्रमिक है और डिमांड के हिसाब से मजदूरों को रखा जाता है अभी सप्लाई काम है इसलिए कुछ मजदूर कम किए गए हैं अगर सफाई बढ़ेगी तो मजदूरों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा और इस संबंध में संबंधित ठेकेदार से कहा जाएगा।
इधर कांट्रेक्टर रमेश कुनियाल ने कहा कि दुग्ध संघ में उनका ठेका फरवरी 2018 से लेकर अप्रैल 2019 तक रहा जबकि दुग्ध संघ ने श्रमिकों को ईएसआई का लाभ नवंबर 2019 में देना प्रारंभ किया ऐसे में ईएसआई के संबंध में उनके ऊपर आरोप लगाना निराधार है और जो लोग इस मामले में उनका नाम घसीट रहे हैं इससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हुए हैं और तथाकथित सफेदपोश नेताओं के खिलाफ वह जल्द ही मानहानि का मुकदमा करने की तैयारी में है।
ईपीएफ के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि उनके ठेका कार्यकाल के दौरान उनके सभी चालान जमा हुए हैं यदि कहीं उनके सुपरवाइजर या कंसलटेंट की वजह से कुछ गड़बड़ी हुई है तो उसके लिए वह कार्यवाही कर रहे हैं और जल्द ही उनके कार्यकाल के दौरान जो ईपीएफ जमा नहीं हो पाया है वह श्रमिकों के खाते में पहुंच जाएगा जिसकी विभागीय कार्यवाही जारी है।
इसके अलावा उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और जो लोग श्रमिक नहीं है वह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए अनर्गल बयानबाजी एवं उनके नाम के मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं वह जल्द ही इस संबंध में मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।