उत्तराखंड
(जरूरी खबर) आखिर क्यों भाकपा (माले) ने डबल इंजन की सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
भाकपा(माले) ने आज कानूनगो रजिस्ट्रार लालकुआं के माध्यम से मुख्यमंत्री को बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान एरिया सचिव ललित मटियाली ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में लालकुआं विधानसभा से विजयी भाजपा विधायक नवीन चंद्र दुम्का व उनकी पार्टी भाजपा द्वारा चुनाव के दौरान बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने को अपनी प्राथमिकता बताया गया था। बिन्दुखत्तावासियों ने स्थानीय विधायक व उनकी पार्टी को इसी उम्मीद से भारी समर्थन देकर विजयी बनाया। लेकिन सरकार ने पिछले साढ़े 4 साल के कार्यकाल में बिन्दुखत्ता की लगभग 1 लाख की आबादी के लिए राजस्व गांव की मांग पर कोई भी सुखद कार्यवाही नही की है। जो कि जनभावनाओं के साथ सीधा विश्वासघात है। बिन्दुखत्तावासी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
ललित मटियाली ने कहा कि मुख्यमंत्री व उनकी पार्टी द्वारा केन्द्र के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी डबल इंजन की सरकार बनाने की अपील की गई थी। ताकि बड़ी-बड़ी जनसमस्याओं पर केन्द्र व राज्य के बीच होने वाले अंर्तविरोधों को आसानी से हल किया जा सके। लेकिन बहुत सी समस्याओं के सम्बंध में ऐसा होता अभी तक नही दिखा है। बिन्दुखत्ता की भूमि को वन विभाग के दायरे से बाहर लाकर राजस्व गांव की श्रेणी में लाने का यह एक सुनहरा अवसर था और यह सुनहरा अवसर अब बीतने वाला है। पिछले साढ़े चार वर्षाें में भाजपा सरकार द्वारा बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का एक भी प्रस्ताव विधानसभा में लाने की खबर नही है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री व उनकी पार्टी की सरकार की यह नीति ही नही है कि बिन्दुखत्ता जैसे विशाल भू-भाग को राजस्व गांव बनाकर यहां के नागरिकों को उनका मूल अधिकार दिया जाए। यदि यह आशंका गलत है तो मुख्यमंत्री बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया को अमल में लाकर जनता की आशंका को गलत साबित करें। उनकी राज्य सरकार के कार्यकाल के लगभग 4 माह शेष हैं। यदि मुख्यमंत्री जी बिन्दुखत्तावासियों की दशकों पुरानी राजस्व गांव की मांग पर इस अवधि में कोई कार्यवाही करते हैं तो बिन्दुखत्तावासी उनकी सरकार के हमेशा आभारी रहेंगे और यदि शीघ्र ही उनके द्वारा राजस्व गांव की मांग को लेकर कार्यवाही करने की कोई घोषणा नही की जाती है तो जल्द ही भाकपा(माले) आंदोलन-प्रदर्शन को बाध्य होगी। 15 सितंबर को शहीद स्मारक, बिन्दुखत्ता में एक धरना भी राजस्व गांव की मांग को लेकर आयोजित किया जाएगा।
ज्ञापन देने वालों में एरिया सचिव ललित मटियाली, विमला रौथाण, किशन बघरी, पुष्कर दुबड़िया, चंदन राम, हरीश भंडारी, आनंद दानू, नैन सिंह कोरंगा, कमल जोशी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।