उत्तराखंड
News : पारिवारिक झगड़े में महिलाओं के अवाला पुरुषों के पास भी हैं ये अधिकार, जानें डिटेल, क्योंकि इस मुद्दे पर छिड़ी है देशभर में बहस
बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। अतुल ने पूरे सिस्टम पर सवाल उठाए और मजबूरी में सुसाइड जैसा कदम उठाने की बात कही।
लोगों का मानना है कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद को लेकर संविधान में दिए अधिकारों का महिलाएं दुरुपयोग कर रही हैं।
जबकि कानून के जानकारों का कहना है कि किसी एक केस से कानून की व्याख्या या संविधान में दिए अधिकारों की आलोचना करना सही नहीं। दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले वकील मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के संविधान में महिलाओं और पुरुषों दोनों को सामान अधिकार दिए गए हैं। यह सही है कि जरूरत के आधार पर कानून में संशोधन, बदलाव या नए नियमों को जोड़ा जा सकता है।
संविधान में ये हैं नियम
अधिवक्ताओं के अनुसार हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 24 (पति को भरण-पोषण और मुकदमेबाजी के खर्च का भुगतान संबंधी), और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के सेक्शन 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) में पुरुषों को लेकर अलग-अलग अधिकार दिए गए हैं।
पत्नी के अधिक दिन मायके में रहने पर शिकायत करने का अधिकार
वकीलों ने बताया कि देश में शादीशुदा पुरुषों के कई कानूनी अधिकार हैं। आम लोगों की भाषा में बताएं तो पुरुष मेंटल हैरेसमेंट की शिकायत पुलिस व कोर्ट में कर सकता है। इसके अलावा दहेज की झूठी शिकायत, पत्नी के अधिक दिन मायके में रहने पर शिकायत और पिटाई करने की भी शिकायत कर सकता है।
गाली देने, हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ करें पुलिस या कोर्ट में शिकायत
पीड़ित पति पत्नी की तरफ से की गई हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत कर सकता है। पत्नी के गाली और धमकी देने पर भी उसकी शिकायत करना उसका अधिकार है। इन सब के अलावा किसी और के साथ प्रेम संबंध बनाने पर, मेंटेनेंस के लिए स्थानीय पुलिस या निचली अदालत में याचिका दायर की जा सकती है। दंपति के विवाद मामलों में नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
ये है पूरा मामला
बता दें बिहार में समस्तीपुर के अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में सुसाइड की है। सुसाइड से पहले उन्होंने एक वीडियो जारी किया। वीडियों में उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया समेत अन्य लोगों पर आरोप लगाए। आरोप है कि निकिता ने अतुल और उनके परिवार के ऊपर 9 केस दर्ज करवा रखे हैं।
स्रोत im