उत्तराखंड
उत्तराखंड (जांच की आंच) पुलिस दरोगा भर्ती मामले में मुकदमे की तैयारी….
वर्ष 2015 में हुई दारोगा सीधी भर्ती में नकल व गड़बड़ी कर परीक्षा पास करने वालों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस ने शासन से इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में शुक्रवार को शासन में बैठक होगी, जिसमें इस पर निर्णय लिया जाना है। मुकदमा दर्ज होने के बाद विजिलेंस इन दारोगाओं की गिरफ्तारी भी जल्द कर सकती है।
वर्ष 2015 में 349 दरोगाओं की सीधी भर्ती हुई थी। शुरुआत में ही इसमें धांधली की बात उठी, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते मामला दब गया। इस बीच अब एसटीएफ ने जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच शुरू की तो इस भर्ती में भी धांधली की बात सामने आई। एसटीएफ़ के हाथ भर्ती में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत हैं, जिसके बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शासन को पत्र भेजकर विजिलेंस जांच की सिफारिश की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद जांच विजिलेंस के हवाले कर दी गई। इस बीच शुरुआती दौर में ही एसटीएफ ने 15 दारोगाओं की सूची विजिलेंस को सौंप दी। मौजूदा समय में कई दारोगा थाना चौकियों में अहम पदों पर बैठे हैं। बताया जा रहा कि कुछ दारोगाओं ने तो कोर्ट जाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस अधिकारियों की माने तो गड़बड़ी में नाम आते ही संबंधित को चार्ज से हटा दिया जाएगा।
विजिलेंस कई बिंदुओं पर कर रही जांच
भर्ती मामले की जांच कर रही विजिलेंस ने जीबी पंत विश्वविद्यालय से पूरा रिकार्ड पहले ही उठा लिया है। विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट ने जिस मशीन से इस भर्ती के पेपर स्कैन किए गए, उसकी भी जांच की। वहीं ओएमआर शीट की गहनता से जांच की जा रही है। बताया जा रहा है भर्ती में कुछ दारोगाओं के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं। जिन दारोगाओं की भूमिका सबसे अहम है, पहले चरण में उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सूची शासन को भेजी गई है।
स्रोत इंटरनेट मीडिया