उत्तराखंड
लालकुआं। बिंदुखत्ता विवादित भूमि प्रकरण मामले में अब तक ये पूरा मामला आया सामने, देखें सभी के बयान, पुलिस कर रही जांच
लालकुआं
रिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार सिंह
लालकुआं कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बिन्दुखत्ता के कररोड में एक दलित व्यक्ति की भूमि कब्जाने के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया है। दरअसल पूरा मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक अनुसूचित समाज के व्यक्ति की भूमि कब्जाने संबंधि वीडियो पोस्ट कर दी गई।
पूरे मामले में जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है वह समाजसेवी किरन डालाकोटी हैं।
उन्होंने स्वयं सामने आकर मामले की पूरी जानकारी दी है। उन्होंने कोतवाली पहुंचकर शिकायती पत्र दिया और कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिस जमीन पर विवाद किया जा रहा है वह उनकी खुद की भूमि है जिसे उन्होंने वर्ष 2012 में सुरेंद्र सिंह खत्री से खरीदी थी जिसके स्टांप पेपर और सभी दस्तावेज उनके पास उपलब्ध है।
इससे पूर्व में भूमि किसके पास रही इससे संबंधित दस्तावेज भी उनके पास मौजूद है उन्होंने सभी दस्तावेज कोतवाली में देते हुए कहा कि उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है जबकि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है कि किसी पर अत्याचार किया जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में आपदा पीड़ितों के लिए उन्होंने खुद की जमीन दान कर दी थी ऐसे में किसी और की भूमि पर कब्जा करने मे आरोप लगाना न्यायसंगत नहीं है। इधर विक्रेता सुरेंद्र सिंह खत्री से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में यह जमीन किरन डालाकोटी को बेच दी थी जिसके सभी दस्तावेज उनके पास भी मौजूद हैं। इधर विवादित जमीन पर खेती करने वाले हरीश भट्ट ने भी कहा कि किरन डालाकोटी ने उन्हें अपनी जमीन पर खेती करने को कहा था इसलिए वह उस जमीन विगत कई वर्षों से खेती करते आ रहे हैं।
इधर अनुसूचित जाति समाज के व्यक्ति राजकुमार आगरी ने भी कोतवाली में शिकायती पत्र दिया है साथ ही उन्होंने कहा है की उनकी सुनवाई नहीं हुई जिसकी वजह से उन्होंने ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज कराई है और वह इस भूमि पर विगत कई वर्षों से रहते आ रहे हैं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि वह दलित समाज के व्यक्ति हैं इसलिए कुछ राजनीतिक पहुंच वाले व्यक्ति जिसमें उन्होंने किरन डालोकोटि एवं उनकी पत्नी संध्या डालाकोटी का नाम लिया है और कहा है कि यह लोग उनकी भूमि पर जबरन कब्जा करना चाह रहे हैं उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है।