उत्तराखंड
कुमाऊं का एकमात्र जिला निर्वाचन कार्यालय जिसे हर बार किया जाता है शिफ्ट, वर्षों से चली आ रही ये परंपरा, जानें वजह
जिला निर्वाचन कार्यालय ऐसा भी है जो चुनावी रणभेरी के बजते ही अपने स्थान से शिफ्ट हो जाता है। यह जिला निर्वाचन कार्यालय नैनीताल का है।
जिला निर्वाचन कार्यालय से लेकर नैनीताल के रहने वाले लोगों से बात की जाए तो उनका यही जवाब होता है कि जब से होश संभाला या कार्य किया है, चुनाव कार्यालय को हल्द्वानी ले जाते ही देखा है।
बस इतने दिनों में एक बदलाव आया है कि पहले एक तरह से अस्थायी तौर पर कार्यालय पीपुल्स कॉलेज (मेडिकल कॉलेज परिसर) में जाता था, बाद के वर्षों में इसे एमबीपीजी कॉलेज में बनाया जाने लगा। जिला निर्वाचन कार्यालय नैनीताल तल्लीताल में है।
निर्वाचन से जुड़ीं सभी गतिविधियां संबंधित कार्यालय से होती हैं पर लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ कार्यालय को पहाड़ से भाबर में लाया जाता है। चुनाव से जुड़ीं सभी गतिविधियां हल्द्वानी में बने अस्थायी निर्वाचन कार्यालय से ही संचालित होती हैं। व्यवस्था करीब तीन माह चलती है। यहीं पर ईवीएम को रखने के लिए स्ट्रांग रूम भी बनाया जाता है।
मतगणना का काम भी यहीं होता है। जिला निर्वाचन कार्यालय से कनिष्ठ लिपिक और सबसे पुराने कर्मियों में शामिल सुधीर कुमार बताते हैं कि वे 1989 से विभाग में काम कर रहे हैं, तब से कार्यालय को हल्द्वानी में शिफ्ट होते देख रहे हैं। वर्ष 2002 तक पीपुल्स कॉलेज में कार्यालय बनाया जाता था, 2007 से इसे एमबीपीजी कॉलेज में बनाया जाने लगा।
नैनीताल में ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां से इतने पोलिंग वाहनों का मूवमेंट कराया जा सके। नैनीताल के टूरिस्ट टाउन होने के साथ व्यवस्था आदि के दृष्टिगत निर्वाचन कार्यालय को हल्द्वानी लाया जाता है। बाद में कार्यालय नैनीताल पुन: चला जाता है। -वंदना, जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम नैनीताल