उत्तराखंड
(लालकुआं चुनाव) कांग्रेस से स्टार प्रचारक आये थे, भाजपा से युवराज आए हैं।
लालकुआं
रिपोर्टर:- शैलेंद्र कुमार सिंह
कांग्रेस पार्टी से 2017 के विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचारक दावेदारी करने आए थे अब पता नहीं कहां है मगर भाजपा में यह कमी पूरी करने के लिए इस बार चुनाव से ठीक पहले युवराज ने दस्तक दी है……..जी हां वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी से लालकुआं की जनता के बीच चुनाव से ठीक पहले पहुंचे थे खुद को स्टार प्रचारक बताने वाले नितिन पंत जो चुनाव के बाद से लेकर अब तक गायब हैं मगर यह कमी भाजपा में पूरी हो रही है क्योंकि यहां भाजपा के युवराज और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनके भतीजे दीपेंद्र सिंह कोश्यारी चुनाव से ठीक पहले लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में दिखाई दे रहे हैं और वह जनता के बीच पहुंचकर अपना परिचय देने का काम कर रहे हैं ताकि लोग उनका नाम समझ सके। गौरतलब है कि लालकुआं विधानसभा सीट पर पैराशूट प्रत्याशी की नजर हमेशा से बनी रहती है और इस बार हवाई जहाज से सीधे लालकुआं विधानसभा में लैंडिंग करने वाले भाजपा के युवराज दीपेंद्र सिंह कोश्यारी हैं और वह जनता के बीच जाकर जनता को अपना नेता बता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि यदि कोई समस्या हो तो उसके समाधान के लिए वह सदैव तत्पर हैं हालांकि उनका लालकुआं विधानसभा के अंतर्गत अभी तक कोई आवाज या फिर कैंप कार्यालय तक नहीं है जहां लोग उनसे मिलने जा सकें। फिलहाल दीपेंद्र सिंह कोश्यारी दिनभर जनता के बीच रहने के अंतर्ध्यान हो जाते हैं और उसके बाद फिर अगले दिन से चुनावी दौरा शुरू कर देते हैं। उन्होंने कई बार पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा है कि वह लालकुआं क्षेत्र की समस्याओं से भलीभांति परिचित है और उन समस्याओं को दूर करने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं और भविष्य में भी करेंगे मगर उन्हें यह नहीं पता कि उनकी इस डबल इंजन की सरकार में आईएसबीटी गायब, शहीद मोहन नाथ गोस्वामी मिनी स्टेडियम गायब, रोडवेज बस अड्डा गायब, 200 बेड का उप जिला चिकित्सालय गायब, बिंदुखत्ता राजस्व गांव का मुद्दा गायब, इतना ही नहीं लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की समस्या का मुद्दा भी गायब है। यदि उन्हें लालकुआं की जनता से इतना ही प्यार है तो वह पहले से ही यहां आकर अपने प्रभाव के बलबूते समस्याओं का निपटारा कर सकते थे मगर चुनावी सीजन में उन्हें लालकुआं विधानसभा की याद आई है और वह लोगों के बीच जाना शुरू कर चुके हैं। शायद ही ऐसे पैराशूट को क्षेत्र के नेता अपने बीच पचा पाए।