उत्तराखंड
(अजब-गजब) वेतन पहाड़ से, चिकित्सक हरिद्वार में, पहाड़वासी परेशान
पिथौरागढ़। कहने को तो उत्तराखंड राज्य पहाड़ की विषम परिस्थितियों को देखते हुए सैकड़ों आंदोलनकारियों की शहादत के बाद बनाया गया था ताकि पहाड़ के लोगों को बेहतर शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य व रोजगार मिल सके मगर हालात आज भी जस के तस हैं। दरअसल मामला स्वास्थ्य विभाग की अजीबोगरीब कार्यप्रणाली का है, यहां सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के अलगड़ा आयुर्वेदिक चिकित्सालय मैं तैनात एक चिकित्सक को सैकड़ों किलोमीटर दूर हरिद्वार से अटैच किया गया है जबकि चिकित्सक का वेतन सीमांत जिले से ही दिया जा रहा है। चिकित्सक नहीं होने की वजह से पिथौरागढ़ से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित अलगड़ा में आयुर्वेदिक चिकित्सालय बंद है ऐसे में पहाड़वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल चिकित्सक की तैनाती की मांग की है। पिथौरागढ़ जनपद के अलगड़ा क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोग एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर ही निर्भर है मगर स्वास्थ्य विभाग के कारनामे जनता के लिए परेशानियों का सबब बने हुए हैं। यहां तैनात एकमात्र चिकित्सक को हरिद्वार अटैच कर दिया है साथ ही फार्मासिस्ट भी अवकाश पर हैं जिसके चलते अस्पताल पूरी तरह से बंद पड़ा है ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को पहाड़ों में 30 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय के अस्पतालों में चक्कर काटने पड़ रहे हैं इधर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप पाल और पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश कुमार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए तत्काल अस्पताल को खोलने की मांग की है वहीं क्षेत्रवासियों ने भी कहां है कि यदि जल्द ही अस्पताल में चिकित्सक की तैनाती नहीं की जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।