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आपदा

उत्तराखंड। बारिश का ऐसा कहर की बन्द मार्ग ने ले ली नवजात की जान…….

जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहलाने वाली कालसी चकराता रोड के जजरेड के पास बंद होने से समय पर उपचार न मिल पाने के कारण नवजात ने दम तोड़ दिया।

दरअसल सीएचसी साहिया में डिलीवरी होने के बाद बच्चे की तबीयत खराब हो गयी। सीएचसी में कोई बाल रोग विशेषज्ञ न होने की वजह से दंपती बच्चे को विकासनगर में किसी बाल रोग विशेषज्ञ से उपचार कराने के लिए ले जा रहे थे, लेकिन रोड बंद मिली। इंतजार करने के सिवाय कोई चारा नहीं था। बंद मार्ग न नवजात की जान ले ली।

कालसी ब्लाक के रिखाड़ गांव निवासी अमित की गर्भवती पत्नी आशा देवी को गुरुवार की रात में प्रसव पीड़ा हुई।महिला को रात में ही सीएचसी चकराता में भर्ती कराया गया। महिला का उपचार कर चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। दंपती विकासनगर के लिए चल दिए, लेकिन जजरेड के पास रास्ता बंद होने पर सीएचसी साहिया में आए।

शुक्रवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहिया में अमित की पत्नी आशा देवी की नॉर्मल डिलीवरी हुई। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ थे। लेकिन शनिवार सुबह बच्चे तबीयत खराब होने लगी। अमित ने बताया कि शिशु दूध नहीं पी रहा था और बुखार भी चढ़ रहा था। रूटीन चेकअप के दौरान स्टाफ नर्स ने बच्चे को देखा तो बच्चे की तबीयत खराब बताई। कहा कि अस्पताल में कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है।

बच्चे की तबीयत को देखते हुए स्टाफ नर्स ने उन्हें विकासनगर में किसी बाल रोग विशेषज्ञ को बच्चे को दिखाने की सलाह दी। आपातकालीन सेवा 108 को फोन किया, लेकिन वह नहीं आ पायी। जिसके बाद अमित चौहान और उनकी पत्नी नवजात को लेकर निजी वाहन से शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे भारी बारिश के बीच विकासनगर के लिए चले। लेकिन जजरेड के पास कालसी चकराता मोटर मार्ग बंद मिला।

लोक पंचायत के सदस्य सतपाल चौहान व सुनील सिंह बिष्ट ने जजरेड के पास एक महिला को रोते हुए देखा तो उन्होंने पूछा तो पता लगा कि नवजात शिशु की सांसें रुक चुकी थी। सतपाल चौहान व सुनील बिष्ट ने पति-पत्नी व शिशु को अपनी कार में बैठा कर वापस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहिया लेकर आए। जहां पर डॉक्टर से शिशु को उपचार करने की बात कही।

स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर विक्रम सिंह ने शिशु की जांच कर बताया कि उसकी मृत्यु हो चुकी है। इस मामले में महिला के पति ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साहिया पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ विक्रम सिंह तोमर ने बताया कि महिला को सीएचसी चकराता से हायर सेंटर रेफर किया गया था, लेकिन जब मार्ग बंद मिला तो दंपती सीएचसी साहिया आ गए। जिस पर वरिष्ठ महिला डाॅक्टर द्वारा सुरक्षित डिलीवरी करवाई थी। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। जब तक अस्पताल प्रशासन जच्चा बच्चा काो डिस्चार्ज करते, तब तक दंपती नवजात को लेकर जा चुके थे।

स्रोत im

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