उत्तराखंड
उत्तराखंड। यहां मछली समझकर मरे हुए सांप को भूनकर खा गए दो भाई और फिर…..
रामनगर:नैनीताल के रामनगर से लगते ग्राम पुछड़ी नई बस्ती के दो नन्हे बच्चों ने मछली समझ कर सांप को खा लिया. गनीमत रही कि सांप जहरीला नहीं था और बच्चे उसके सिर को खाते उससे पहले ही उनकी मां ने बच्चों को सांप खाते देख लिया. परिजन तत्काल बच्चों को सांपों का रेस्क्यू करने वाले के पास ले गए.
दो भाइयों ने मरा सांप खा लिया:रामनगर के ग्राम पुछड़ी नई बस्ती क्षेत्र में प्लास्टिक कूड़ा इकट्ठा कर आजीविका चलाने वाले एक परिवार के दो बच्चों जिनमें एक की उम्र 8 साल और दूसरे की लगभग 10 वर्ष है. दोनों ने एक मरे हुए सांप को मछली समझ कर पकड़ लिया. दोनों बच्चों ने सांप को आग में पकाकर खाना शुरू कर दिया. इसी दौरान उनकी मां आ गई. मां ने जब देखा कि बच्चे सांप को खा रहे हैं तो उसने तुरंत उनसे सांप छीनकर फेंक दिया.
मछली समझकर सांप को खा गए:इसके बाद घरवाले बच्चों को लेकर तराई पश्चिमी में सांपों का रेस्क्यू करने वाले तालिब हुसैन के पास लेकर आये. तालिब ने सांप काटने के दौरान उपयोग होने वाली जड़ी-बूटी दोनों बच्चों को दी. हालांकि बच्चों की किस्मत अच्छी थी कि जिस सांप को उन्होंने खाया वो जहरीला नहीं था. जब वो सांप को आग में पकाकर खा रहे थे तो जब उसके सिर को खाते, उनकी मांग की नजर उन पर पड़ गई.
जहरीला नहीं था सांप, इसलिए बच गई जान:सांप का रेस्क्यू करने वाले तालिब ने बताया कि इन बच्चों ने पास में ही एक मरा हुआ सांप देखा और उसको मछली समझ कर आग में डाला और दोनों खाने लगे. गनीमत रही कि उन्होंने सांप का सिर नहीं खाया, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था. तालिब ने बताया कि जब यह दोनों सांप को खा रहे थे तो इतने में उनकी मां ने इनको सांप खाते हुए देख लिया. इस तरह दोनों बच्चों की जान बच गई. तालिब ने लोगों से सांपों को न मारने की और सांप दिखने पर तुरंत ही वन विभाग तराई पश्चिमी को सूचना देने की भी अपील की है.
डॉक्टर ने क्या कहा:वहीं इस मामले में रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय की सीएमएस डॉक्टर चंद्रा पंत से भी हमने बात की. उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में तुरंत ही पीड़ित को अस्पताल ले जाना चाहिए. अस्पताल में डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही इलाज करवाएं.
स्रोत im