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उत्तराखंड

(उत्तराखंड) NH, स्टेट हाईवे व नदियों के किनारे राज्य की सरकारी एवं वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट सख्त, 4 सप्ताह में मांगी रिपोर्ट:-

सरकारी और वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में नेशनल व स्टेट हाईवे सहित अन्य सड़कों तथा नदियों के किनारे सरकारी और वन भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों व डीएफओ को अपने क्षेत्र के हाईवे सहित सड़कों के आसपास अतिक्रमण का जायजा लेने, अतिक्रमण को चिन्हित करने, हटाने की कार्ययोजना तैयार करने और कार्रवाई की रिपोर्ट फोटोग्राफ के साथ पेश करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में दिल्ली के मुखर्जी नगर निवासी प्रभात गांधी के पत्र पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई हुई। प्रभात गांधी ने 19 जुलाई को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था। पत्र के साथ नैनीताल जिले में खुटानी से पदमपुरी तक सड़कों पर अतिक्रमण व नदियों में गंदगी डालने संबंधी फोटोग्राफ भी संलग्न किए गए थे। इस पत्र का कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया।

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खंडपीठ ने जनहित याचिका का दायरा बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारी तथा प्रभागीय वन अधिकारियों को नेशनल व स्टेट हाईवे सहित अन्य सड़कों के आसपास की नजूल, सरकारी, वन या अन्य प्रकार की भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित किए हैं। चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

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स्रोत इंटरनेट मीडिया

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