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उत्तराखंड मौसम अलर्ट। नैनीताल सहित इन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी, ये रास्ते हैं बंद, यहां चलाया जा रहा है रेस्क्यू अभियान

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम विभाग ने बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून और नैनीताल सहित अन्य जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है।

उत्तरकाशी, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। लगातार बारिश के बावजूद उमस भरी गर्मी ने बहाल किया हुआ है। बारिश थमते ही गर्मी अपना प्रकोप दिखाने लगती है। इन दिनों बारिश का क्रम धीमा पड़ने के चलते तापमान बढ़ रहा है। देहरादून से लेकर हरिद्वार तक इसी प्रकार के हालात बने हुए हैं।

आसमान में बादलों के बाद भी लोगों को उमस जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के तमाम इलाकों में तेज बारिश के बाद अचानक मौसम बदल जाने से गर्मी और उमस जैसी स्थिति बनती दिख रही है।

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दूसरी तरफ, 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ मार्ग और धाम में फंसे लोगों को निकलने का काम तेजी से चल रहा है। केदारनाथ से रविवार को 1275 यात्री और स्थानीय लोगों को पैदल और हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। चार दिनों में अब तक कुल 10, 374 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। रविवार को मौसम खराब होने के कारण सेना का एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। सोमवार को केदारनाथ से यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा।

भारी बारिश के केदारनाथ मार्ग क्षतिग्रस्त

31 जुलाई की अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। जगह-जगह रास्ता टूट गया है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें 10 जगह मार पूरी तरह छत्तीसगढ़ हो गया है। लोक निर्माण विभाग की टीम रास्ते को ठीक कर मार्ग को खुलने खोलने में जुटी हुई है। उधर सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। क्षतिग्रस्त रास्तों को सही स्थिति में लाने के लिए लगभग 1 महीने का समय लग सकता है।

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सेना ने मंदाकिनी नदी पर अस्थाई ट्रॉली लगा दी है और वैकल्पिक पुल का निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग के श्रमिक रास्ते को बनाने में जुटे हुए हैं। गौरीकुंड से छोड़ी मार्ग तक बोल्डर आने से कुछ जगह आशिक और कुछ जगह पर काफी नुकसान पहुंचा है। चीरबासा के पास सड़क टूट गई हुई।

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कई रास्ते हो गए हैं बर्बाद

जंगल चट्टी में दो जगह पर मार्ग पूरी तरह से नष्ट हो गया है। कुबेर ग्लेशियर के पास भी रास्ता पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग मार्ग को भी नुकसान पहुंचा है। जिसे ठीक करने का काम चल रहा है। वही मशीन पहुंचने पर पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग सहित अन्य विकल्पों को भी देखा जा रहा है। सेना के डॉग्स स्क्वायड ने प्रभावित क्षेत्र में लोगों को तलाश में किए अभियान शुरू कर दिया है।बताया जा रहा है कि अतिवृष्टि के दौरान कुछ लोग जंगल की तरफ भागे थे। आशंका है कि इनमें से कुछ रास्ता भटक गए जिनकी खोज की जा रही है।

स्रोत im

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