उत्तराखंड
(उत्तराखंड)तो जल्द ही झील में समा जाएगा ये गांव, पढ़ें महत्वपूर्ण खबर
उत्तराखंड को रोशन करने के लिए जलसमाधि लेगा ‘लोहारी’ गांव, 120 मेगावाट की व्यासी परियोजना से मिलेगी बिजली
एक सौ बीस मेगावाट की व्यासी परियोजना के लिए विस्थापित किया गया लोहारी गांव सोमवार शाम को हमेशा के लिए बांध की झील में जलमग्न हो जाएगा। रविवार को झील का पानी ग्रामीणों के खेतों तक पहुंच गया था।
एक सौ बीस मेगावाट की व्यासी परियोजना के लिए विस्थापित किया गया लोहारी गांव सोमवार शाम को हमेशा के लिए बांध की झील में जलमग्न हो जाएगा। रविवार को झील का पानी ग्रामीणों के खेतों तक पहुंच गया था। सोमवार शाम तक ग्रामीणों के घर भी पानी में डूबने लगेंगे।
शनिवार को गांव खाली हो जाने के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने एकाएक पानी की मात्रा बढ़ा दी। जिससे एक ही रात झील का जलस्तर 624 आरएल मीटर से 628 आरएल मीटर तक पहुंच गया। सिर्फ दो मीटर और पानी बढ़ने पर लोहारी हमेशा के लिए झील में जलमग्न हो जाएगा।
फसल समेटने में जुटे ग्रामीण : गांव के बुजुर्ग भरत सिंह, सरदार सिंह, लक्ष्मी देवी ने बताया कि रविवार सुबह उनके खेतों तक पानी पहुंच गया। इसके चलते खेतों के पूरी तरह डूबने से पहले तक वह जितना हो सके, फसल समेटने में जुटे हुए हैं। जिन खेतों पर ग्रामीण सदियों से मेहनत-मशक्कत करते आए, उन्हें डूबता देख, वह बेहद भावुक हैं।
अप्रैल में ही शुरू हो जाएगा बिजली उत्पादन : व्यासी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल ने बताया कि 15 से 16 अप्रैल तक पानी बिजली उत्पादन के स्तर पर पहुंच जाएगा। अप्रैल के अंत तक पावर हाउस से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।
परियोजना की झील में जल स्तर बढ़ाए जाने से लोहारी गांव जल्द ही डूब जाएगा। शुक्रवार तक पानी गांव के समीप पहुंच गया। पांड लेवल मेनटेन करने के बाद ही परियोजना से निर्धारित क्षमता की बिजली का उत्पादन शुरू होगा। अब तक जल विद्युत निगम के सामने दिक्कत यह आ रही थी कि बांध प्रभावित डूब क्षेत्र का लोहारी गांव खाली नहीं हो पाया था। जिला प्रशासन ने परियोजना से प्रभावित परिवारों को चिह्नित कर मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की, जिसके बाद ग्रामीणों को गांव खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया। अपर जिलाधिकारी प्रशासन एसके बरनवाल ने बताया कि व्यासी परियोजना से डूब क्षेत्र में आ रहे लोहारी गांव के कुल 66 बांध परिवारों के लिए सरकार की ओर से कुल 15 करोड़ 44 लाख मुआवजा राशि स्वीकृत है। इसमें विस्थापन एवं पुर्नवास नीति के तहत शुरुआती चरण में प्रभावित परिवारों को अस्सी फीसद मुआवजा दिया जा चुका है। 48 घंटे का मकान खाली करने का समय भी पूरा हो गया है। लोहारी गांव का जायजा लेने पहुंचे एडीएम के साथ एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार, एसडीएम कालसी सौरभ असवाल, लखवाड़ व्यासी परियोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल, सीओ वीडी उनियाल, दीपक कुमार, कोतवाल रविद्र शाह, थानाध्यक्ष कालसी अशोक राठौर, एसओ चकराता सत्येंद्र भाटी आदि मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने घर की चौखट दरवाजे भी उखाड़े
शुक्रवार को लोहारी के ग्रामीण पुश्तैनी मकानों के खिड़की दरवाजे व अन्य सामान निकालते नजर आए। ग्रामीणों को जल्द से जल्द सामान हटाकर गांव पूरी तरह से खाली करने को कहा है। फिलहाल पुश्तैनी मकान और गांव से जुड़ी उनकी आत्मीयता का बोध उनकी नम आंखों में देखा गया। पुलिस छावनी बने लोहारी गांव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक प्रीतम सिंह भी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर अधिकारियों से ग्रामीणों को और समय देने का आग्रह किया।
*स्रोत इंटरनेट मीडिया*