उत्तराखंड
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) 6 महीने के लिए खोले गये मां अन्नपूर्णा मन्दिर के कपाट, देखें क्या है इसका महत्व, सुमित कुमार की खास रिपोर्ट:-
रिपोर्ट -सुमित कुमार
उत्तरकाशी
6 महीने के लिए खोले गये मां अन्नपूर्णा मन्दिर के कपाट भगवान गणेश की जन्म स्थली डोडीताल मे स्थित है यह मन्दिर
उत्तरकाशी। भगवान श्री गणेश का जन्म स्थल डोढीताल जहां माता पार्वती ने अपने उपटन से अद्भभुत बालक भगवान श्री गणेश की उत्तपत्ती की थी जिसका उल्लेख स्कंद पुराण के केदारखंण्ड नामक अध्याय मे भी वर्णित है।
कहा जाता है कि एक बार जब माता पार्वती डोडीताल मे स्नान कर रही थी तो उन्होने भगवान गणेश को पहरेदारी के लिए वहां तैनात कर दिया भगवान शंकर ने तालाब मे जाने की इच्छा जाहिर की तो भगवान गणेश ने उन्हे रोक दिया।
दोनों के बीच बडी बहस हुई और अन्त मे भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से भगवान गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया माता पार्वती जब स्नान कर के लोटी तो भगवान गणेश का शरीर देख व्याकुल हो उठी ओर भगवान शंकर को उन्हे पुनर्जीवित करने को कहा इस पर भगवान शंकर ने अपने गणों को संसार से ऐसा जीव मनुष्य लाने का आदेश दिया।
जिसने अभी जन्म लिया हो भगवान शंकर के आदेशनुसार उनके गणों को हाथी का नवजात शावक मिला ओर वह उसे वहां ये डोढीताल लाये जहां भगवान शंकर ने हाथी के शावक का घड भगवान गणेश को लगाया ओर तभी से वह गजानन कहलाये।
माता पर्वती यहां भी प्रशंन नही हुई तो भगवान शंकर ने भगवान गणेश को बरदान दिया कि आपकी पूजा देवताओं मे सबसे पहले होगी साथ ही तीनो लोकों मे आपसे बडा कोई बुद्धीमान नही होगा।
तभी से यहां पर माता पार्वती अन्नपूर्णा माता एवं भगवान गणेश डोढी महाराज के रूप मे विराजमान है और भगवान शंकर मन्दिर के द्वार पर सजा के तोर पर पहरे दार के रूप मे खडे आज वैदिक परंपरा के अनुसार इस मन्दिर के कपाट खोल दिए गये है इस मोके पर देश के हर कोने से यहां पर श्रदालू भी पहूंचे है।