उत्तराखंड
लालकुआं न्यूज़:- नो एंट्री की बात करते ही फिर याद आया बाईपास का मुद्दा, सरकार और सत्ताधारी की बेरुखी बनी जनता के लिए मुसीबत!
लालकुआं (नैनीताल)
रिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार सिंह
उत्तराखंड के प्रख्यात जनपद नैनीताल के अंतर्गत आने वाले लालकुआं कस्बे में नो एंट्री की बात को लेकर इतना हो हल्ला मचा की सत्ताधारी पार्टी के लोगों को बाईपास की याद आ गई, इतना ही नहीं वर्तमान चेयरमैन का सहयोग करने की बात भी कही गई, मगर ऐसा हुआ क्यों समझे इस खबर को जरा विस्तार से……..
आज हम बात कर रहे हैं लालकुआं नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी द्वारा नगर क्षेत्र में भारी वाहन की नो एंट्री को लेकर सर्वदलीय व सर्व जनसामान्य को लेकर एक बैठक के संबंध में जिसमें सभी को साथ लेकर इस मामले का हल निकालने की बात कही गई थी, मामला जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग तक पत्राचार के माध्यम से पहुंचा और लालकुआं कोतवाली परिसर में सभी के साथ मिलकर एक बैठक का आयोजन भी किया गया जिसमें कई लोगों ने नो एंट्री का विरोध किया मगर बाईपास निकल जाए इस पर भी सत्ताधारी दल के लोगों ने अपनी बात रखी, मगर ऐसा हुआ क्यों? आखिरकार बाईपास का जिन्न बोतल से बाहर क्यों आया? वह इसलिए क्योंकि नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी ने आज नो एंट्री को लेकर एक सामान्य बैठक का आयोजन किया था हालांकि उन पर आरोप और प्रत्यारोप भी लगे मगर बाईपास के मुद्दे पर भी जनमानस द्वारा मंथन किया गया। उत्तराखंड राज्य बनाने के बाद आज तक लालकुआं वासियों को बाईपास नहीं मिल पाया है इतना ही नहीं नेशनल हाईवे पर बाजार स्थित होने की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं और इसका पुलिस विभाग स्वयं गवाह है ऐसे में सवाल उठता है कि नो एंट्री सही या फिर बाईपास बनाना ज्यादा उचित? दोनों मामलों पर गौर किया जाए तो पूरे मामले पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी का बयान सटीक बैठता है यदि नगर में नो एंट्री कर दी जाएगी तो बाईपास के मुद्दे को अपने आप बल मिल जाएगा और सरकार कहीं न कहीं बाईपास बनाने को लेकर प्रतिबद्ध हो सकेगी या फिर इसका कोई अन्य विकल्प तलाश करेगी, दोनों में से कुछ एक संभव हुआ तो भी इसका फायदा लालकुआं नगर की जनता से लेकर आवागमन करने वाले राहगीरों को अवश्य मिलेगा…….
