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(बड़ी खबर) अब विधानसभा में नमाज कक्ष को लेकर मचा घमासान
अभी तक तो धार्मिक मामले धार्मिक स्थलों तक सीमित है मगर अब ऐसे मामले विधानसभा में धार्मिक स्थल या कक्ष बनाए जाने को लेकर सामने आने लगे हैं। दरअसल मामला झारखंड राज्य के विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए अलग से कमरा आवंटित करने को लेकर है जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा हुआ है।
जहां एक ओर सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने कहा कि भाजपा धर्म को राजनीति नहीं करनी चाहिए और इसका विरोध करने का कोई तुक नहीं है। वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि नमाज कक्ष बनाया जाता है तो फिर मंदिर भी बनाया जाए यदि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन करने और कोर्ट जाने की कार्यवाही भी की जा सकती है।
मौजूदा समय में झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार है वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर भाजपा मौजूद है। पूरे मामले को लेकर झारखंड में सियासी पारा हाई है विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि सरकार तुष्टीकरण की नीति के तहत काम कर रही है जबकि सत्ताधारी दल इसे परंपरा बता रहा हैं। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक सीपी सिंह ने झारखंड विधानसभा भवन में नमाज कक्ष की तरह बजरंगबली के मंदिर के लिए भी स्थान आवंटित करने की मांग की है जिसके बाद से सियासी पारा और चढ़ गया है उन्होंने कहा कि नमाज के लिए अलग जगह दिए जाने पर भाजपा को आपत्ति नहीं है मगर ऐसा किया जाता है तो परिसर में बजरंगबली का मंदिर बनाने के लिए भी जगह दी जाए।
इधर सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है और वह धर्म की राजनीति कर रही है वही कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को नमाज कक्ष पर आपत्ति है तो वह बिहार में भी इस व्यवस्था को बदलवाने के लिए कार्यवाही करे। उन्होंने कहा कि संयुक्त बिहार के समय से ही विधानसभा भवन में नमाज पढ़ने के लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था रही है ऐसे में भाजपा को हंगामा नहीं करना चाहिए।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास का कहना है कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और यहां धर्म के नाम पर कोई स्थल बनाया जाना शर्मनाक है दोनों नेताओं ने विरोध स्वरूप विधानसभा के समक्ष धरना देने की बात कही है वहीं भाजपा नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष के इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है।