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(बड़ी खबर) हिजाब पहनकर विश्वविद्यालय में नमाज पढ़ने के मामले में सामने आया छात्रा का बयान, बोली……
हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय ( hari singh gour central university) में एक छात्रा द्वारा हिजाब पहनकर नमाज पढ़ने के मामले में जांच कमेटी ने रिपोर्ट पेश कर दी है। वायरल वीडियो के आधार पर पूरे मामले की जांच की गई और इस मामले में संबंधित छात्रों के बयान दर्ज किए गए। इस मामले में नमाज पढ़ने वाली छात्रा ने लिखित माफी ( Girl who offered namaz inside class apologises ) मांगते हुए कहा है कि अब से वह विश्वविद्यालय परिसर में कभी धार्मिक गतिविधि नहीं करेगी।
बता दें कि 25 मार्च 2022 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो समाने आने के बाद छात्र संगठनों ने विरोध दर्ज करवाया था। वायरल वीडियो में एक छात्रा क्लास रूम में हिजाब पहनकर नमाज पढ़ रही थी। वीडियो सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छह सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई थी।
छात्रा ने स्वीकार की गलती
जानकारी के अनुसार, जांच समिति के समक्ष छात्रा ने स्वीकार की कि उससे गलती हुई है। उसने लिखित रूप से कहा कि अज्ञातवश उसने विश्वविद्यालय में धार्मिक गतिविधि की। आगे उसने कहा कि भविष्य में वह किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि नहीं करेगी।
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि अगर वह भविष्य में इस तरह की गलती करते हुई पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
क्या था पूरा मामला
25 मार्च 2022 को एक वीडियो सामने आया था। बताया गया था कि फाइनल ईयर की एक छात्रा हिजाब पहनकर क्लास रूम में नमाज पढ़ रही थी। उसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद हिन्दू जागरण मंच ने आपत्ति जताते हुए हंगामा किया और विश्वविद्यालय प्रशासन से पूरे मामले पर संज्ञान लेने की मांग की थी।
‘हर दिन हिजाब और बुर्का पहनकर आती थी क्लास’
बताया गया कि हिजाब पहनकर क्लास रूम में नमाज अता करने वाली छात्रा डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में बीएससी बीएड की फाइनल ईयर की स्टूडेंट है। वह हर दिन हिजाब और बुर्का पहनकर क्लास आती है। जानकारी के अनुसार, वह मूल रूप से दमोह की रहने वाली है। उसका वीडियो सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुरू की थी जांच
मामला सामने आने के बाद हिंदू जागरण मंच ने वीडियो के आधार पर मामले की जांच करने के साथ शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि फिलहाल हमारे विश्वविद्यालय में कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है। बावजूद इसके एक शिक्षण संस्थान में नैतिक ड्रेस पहनकर आना जरूरी है। फिलहाल वीडियो के आधार पर मामले की जांच की गई। जांच के दौरान छात्रा ने स्वीकार की कि उससे भूलवश गलती हुई थी।
स्रोत इंटरनेट मीडिया