देश-विदेश
साढ़े 13 हजार फीट की ऊंचाई से कूदी लड़की, नहीं खुला पैराशूट तो 30 सेकंड में नीचे गिरकर हुआ ऐसा हाल कि……..
किस्मत के आगे किसी की नहीं चलती. अगर किस्मत में मौत लिखी है, तो मखमल के बिस्तर पर लेटा शख्स भी मारा जाता है. वहीं अगर जिंदगी लंबी है तो बड़े से बड़ी दुर्घटना भी मौत को ठेंगा दिखा देती है. ऐसा ही कुछ हुआ स्काईडाइवर जॉर्डन के साथ. जॉर्डन ने करीब साढ़े 13 हजार फ़ीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी मौत को मात दे दी. उसे काफी गंभीर चोटें आई लेकिन उसकी जान बच गई. अस्पताल में ट्रीटमेंट और प्रॉपर रेस्ट के बाद अब वो फिर से स्काईडाइविंग के लिए तैयार है.
अपने साथ हुए इस एक्सीडेंट के बारे में जॉर्डन ने बताया कि ये सबकुछ सिर्फ तीस सेकंड के अंदर हुआ था. वो करीब साढ़े 13 हजार फ़ीट की ऊंचाई से नीचे कूदी थी. 10 सेकंड के बाद उसे अपना पैराशूट खोलना था. लेकिन जब उसने ऐसा किया तो पता हाला कि उसका पैराशूट उसके पैरों में उलझ गया है. इसके बाद वो तेजी से जमीन की तरफ गिरने लगी. सिर्फ बीस सेकंड वो और नीचे दर्द से कराह रही थी. उसे यकीन था कि अब वो जिन्दा नहीं बचेगी.
टूट गई थी हर एक हड्डी
35 साल की जॉर्डन जब जमीन पर गिरी, उस वक्त उसकी बॉडी का शायद ही कोई ऐसा हिस्सा होगा, जिसकी हड्डी ना टूटी हो. उसकी कमर, उसके पैर और उसकी एड़ियां तक टूट गई थी. लेकिन इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी वो होश में थी. अब वो फिर से पहाड़ों पर चढ़ना चाहती है. और एक बार फिर आसमान से छलांग लगाना चाहती है.
चलने में लगे तीन महीने
इस एक्सीडेंट के बाद करीब 25 दिन जॉर्डन अस्पताल में रही. उसे वापस अपने पैरों पर चलने में तीन महीने का समय लगा. इस छलांग के सिर्फ तीन दिन बाद उसे माउंट एवेरेस्ट की हाईकिंग के लिए जाना था. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. लेकिन अब जॉर्डन ने अपनी इस हाइकिंग को इस साल नवंबर के लिए रिशिड्यूल कर लिया है. जॉर्डन के मुताबिक़, सिर्फ इसलिए कि किसी तरह की अड़चन आ गई, आप अपने सपनों का गला नहीं घोंट सकते. जॉर्डन के मुताबिक़, स्काईडाइविंग उसका सपना है और वो अपने सपने को नहीं छोड़ सकती. जल्द ही वो फिर से छलांग लगाएगी.
स्रोत इंटरनेट मीडिया