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योगी के राज में चरमपंथियों में घबराहट, बाबर की मौत ने खड़े किए कई सवाल…..
इस देश का टुकड़े गैंग, अवार्ड वापसी गैंग, मोमबत्ती गैंग, इनटॉलरेंट गैंग लिचिंग को लेकर कितना सलेक्टिव है उसका सबसे घिनौना रूप सामने आ चुका है. यूपी के कुशीनगर के एक मुसलमान युवक ने विधानसभा चुनाव में अपनी जमात के खिलाफ जाकर योगी आदित्यनाथ का समर्थन किया. इस मुस्लिम युवक ने ना सिर्फ बीजेपी का प्रचार किया बल्कि भगवा बाबा की जीत की खुशी में गांव में मिठाई भी बांटी. खुशी में आतिशबाजी की, लेकिन अफसोस कि मुस्लिम युवक का बीजेपी को समर्थन देना उसके गांव के चरमपंथी मुसलमानों को ही नागवार गुजरा और चरमपंथी मुसलमानों ने बीजेपी का प्रचार करने वाले मुस्लिम युवक की बेरहमी से हत्या कर दी.
मुस्लिम युवक बाबर की बेरहमी से हत्या ने खड़े किए कई सवाल
बाबर की हत्या के जरिए चरमपंथियों ने ये पैगाम देने की कोशिश की है कि मुसलमान अगर बीजेपी को वोट देगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. कमल का बटन दबाने वालों मुसलमानों की हत्या इतने खूंखार तरीके से की जाएगी कि उसकी दास्तान सुनकर रूह कांप उठे और कमाल देखिए ये सब हुआ है एक भगवाधारी सीएम के राज में. योगी आदित्यनाथ के राज में. अंजाम चाहे कुछ भी हो लेकिन जिन्होंने हिन्दुस्तान में गजवा-ए-हिन्द की कमस खा ली है वो ये बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं कि उनकी जमात का कोई आदमी कमल का बटन दबाकर बीजेपी का हाथ मजबूत करे. गजवा-ए-हिन्द के वहशी दरिंदों को लगता है कि मुसलमान अगर लिबरल होने लगेगा तो उनकी मुहिम को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचेगा और अपने इसी नफरती एजेंडे को परवान चढ़ाने के लिए वहशी दरिंदों ने योगी आदित्यनाथ का समर्थन करने वाले, बीजेपी की जीत पर मिठाई बांटने वाले मुस्लिम युवक बाबर की बेरहमी से हत्या कर दी.
बाबर ने भाजपा की जीत पर बांटी थी मिठाइयां
10 मार्च को बाबर ने भगवा बाबा की शानदार जीत के बाद जब गांव में मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई तो गांव के चरमपंथियों के तन-बदन में आग लग गई. बाबर के चरमपंथी रिश्तेदार बाबर को वैसी मौत देना चाहते थे जिसे सुनकर इंसानियत की रूह कांप जाए. दरिंदे हत्या की ऐसी नजीर बनाना चाहते थे कि आगे से कोई मुसलमान कमल का बटन दबाने की जुर्रत ना कर सके और उन्होंने ऐसा ही किया.
चरमपंथियों ने पीट-पीटकर कर दी बाबर की हत्या
20 मार्च को बीजेपी समर्थक बाबर अपनी दुकान से जब घर वापस लौट रहा था आरोप है कि उसी दौरान बाबर के पड़ोसियों ताहिद, अजीमुल्लाह, परवेज और आरिफ ने बाकी चरमपंथियों के साथ लाठी डंडों से उसपर हमला कर दिया. जान बचाने के लिए बाबर अपने घर की तरफ भागा और भागकर अपनी छत पर जाकर छत का दरवाजा बंद कर लिया. लेकिन इन वहशियों के दिमाग में खून सवार था. इसलिए उन्होंने धारदार टांगे से छत का दरवाज तोड़ दिया और फिर ईंट-पत्थर, टांगा कुल्हाड़ी जो भी मिला उससे बाबर पर हमला कर दिया और आखिर में तड़पते बाबर को छत से नीचे फेंककर आरोपी फरार हो गए.
बुरी तरह से जख्मी बाबर को कुशीनगर के रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया. 25 मार्च को बीजेपी समर्थक जिंदगी की जंग हार गया. कलेजे को छलनी करने वाली हैरानी ये है कि बीजेपी की जीत पर खुशी मनाने और मिठाई बांटने के लोकतांत्रिक जुर्म में बाबर की लिंचिंग कर दी गई लेकिन एक हफ्ते तक पूरे देश सें सन्नाटा पसरा रहा. मोमबत्ती गैंग, टुकड़े गैंग, अवॉर्ड वापसी गैंग के साथ एक भी सियासी सैलानी बाबर की बदकिस्मत पत्नी फातमा और उसके बच्चों के आंसू पोछने कठघरहीं गांव नहीं गया.
बीजेपी विधायक ने परिवार को दिया इंसाफ का भरोसा
बाबर को सुपुर्दे खाक भी कर दिया गया है लेकिन लेफ्ट लिबरल गैंग का एक भी लाललंगोटधारी पाताललोक से बाहर नहीं निकला लेकिन स्थानीय बीजेपी विधायक पीएन पाठक ने बाबर के जनाजे को कांधा देकर बाबर के परिजनों को इंसाफ का भरोसा जरूर दिया है.
ये तो गमीमत है कि यूपी में बुलडोजर बाबा की वापसी हो चुकी है. जरा सोचिए कि अगर यूपी की जंग में अगर बाबा हार गए होते तो आज क्या होता. बाबा की जगह अगर लालटोपी ब्रिगेड सत्ता में होती तो आज बाबर के हत्यारों को इनाम, इमदाद दिया जा रहा होता. हो सकता है कि उन्हें पार्टी में बड़ा ओहदा दे दिया जाता. समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर्रमान बर्क ने तो वहशी हत्यारों की जगह मृतक बाबर को ही गलत ठहरा दिया है. उन्होंने साफ कह दिया कि इस देश का मुसलमान नहीं चाहता कि बीजेपी का समर्थन किया जाए.
योगी आदित्यनाथ ने बाबर की मौत पर व्यक्त किया शोक
समाजवादी सांसद बर्क के बयान से आपको लग गया होगा कि इस देश में सनातन धर्म को लेकर नफरत की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी है, लेकिन भगवा बाबा ने बाबर के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का स्टैंडिंग ऑर्डर दे दिया है. यूपी के सीएम ऑफिस ने ट्वीट कर लिखा है-।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर के कठघरही गांव के बाबर की लोगों द्वारा पिटाई से हुई मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने मामले की गहनता से निष्पक्ष जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
भगवा बाबा जैसे ही सुपर एक्शन में आए पुलिस प्रशासन सब हरकत में आ गए. दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी गई. लेकिन सवाल ये है कि कुशीनगर का पुलिस प्रशासन एक हफ्ते तक बेपरवाह क्यों बैठा रहा. बहरहाल भगवा बाबा के दखल के बाद सब एक्शन में हैं. लेकिन बाबर की हत्या ने एक बार फिर इस देश के पाखंडी बुद्धिजीवियों के दोमुंहेपन को उजागर कर दिया है. इनके पेट में मरोड़ तब ही उठती है जब लिचिंग का शिकार इनके एजेंडे के खांचे में फिट बैठता हो. लिचिंग पर इन्हें बदहजमी तभी होती है जब हत्यारा इनकी विचारधारा के खिलाफ हो. अपनी विचारधारा वाले हत्यारे को ते ये क्रूसेडर मानते हैं.
स्रोत इंटरनेट मीडिया