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News : इसरो ने अपने सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की ली मदद, भारत को ये होंगे फायदे

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एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के सैटेलाइट जीसैट-एन2 को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा दिया है। स्पेसएक्स के ताकतवर रॉकेट फाल्कन 9 ने फ्लोरिडा के कानावेरल स्पेस स्टेशन से भारतीय सैटेलाइट को लॉन्च किया।

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जीसैट-एन2 सैटेलाइट से देश में ब्रॉडबैंड सेवाएं और बेहतर होंगी। यह पहली बार है कि इसरो ने अपने सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए स्पेसएक्स की सुविधाएं ली हैं। 

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स्पेसएक्स ने जारी किया वीडियो
जीसैट-एन2 प्रक्षेपण, इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और स्पेसएक्स के बीच एक समझौते का हिस्सा है। उड़ान भरने के लगभग 30 मिनट बाद, NSIL ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में बताया कि  GSAT-N2 को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा (GTO) में स्थापित कर दिया गया है।

साथ ही इसरो की मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया है। स्पेसएक्स ने जीसैट-एन2 को पृथ्वी कक्षा में स्थापित करते हुए इसका वीडियो भी जारी किया है।

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एन2 को डिजाइन किया गया है। इससे उन क्षेत्रों को खास लाभ होगा, जहां कनेक्टिविटी पारंपरिक रूप से कमजोर है। इस सैटेलाइट का वजन 4700 किलोग्राम है और यह 14 साल तक सक्रिय रहेगी। 

इसरो ने लॉन्चिंग के लिए स्पेसएक्स की सुविधा क्यों ली?
जीसैट-एन2 सैटेलाइट बहुत भारी है और इसका वजन 4700 किलो है। भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट एलवीएम-3 करीब चार हजार किलो तक वजनी सैटेलाइट को ही अंतरिक्ष में लॉन्च कर सकता है। यही वजह है कि इसरो ने जीसैट-एन2 को लॉन्च करने के लिए स्पेसएक्स के रॉकेट की सुविधा ली।

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भारत इससे पहले अपने भारी उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए यूरोपीय एजेंसी एरियनस्पेस की मदद पर निर्भर था, लेकिन इस बार एरियनस्पेस की अनुपलब्धता के चलते स्पेसएक्स के साथ समझौता किया गया। 

स्रोत im

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