Connect with us

दिल्ली

कांग्रेस की वजह से मां के अंतिम संस्कार में तक शामिल नहीं हो सका, कहकर भावुक हुए राजनाथ सिंह

दिल्ली। राजनाथ सिंह एक इंटरव्यू में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए 1975 के आपातकाल को याद करके भावुक हो गए है। इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि वह ब्रेन हैमरेज के कारण अपनी मां की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वह उस वक़्त जेल में थे।

वो समय याद करते हुए राजनाथ सिंह की आँखें नम हो गईं।

उन्होंने कहा कि, ‘मुझे आपातकाल के दौरान अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल नहीं दी गई थी और आज वे (कांग्रेस) हमें तानाशाह कहते हैं। मैं उनके (माँ के) अंतिम दिनों में उनसे मिल भी नहीं सका था, जब वह 27 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थीं।” ये कहते हुए राजनाथ सिंह कुछ देर के लिए मौन हो गए और फिर रुंधे गले से बोले, हैरानी होती है कि ये लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “आपातकाल के जरिए तानाशाही लागू करने वाले लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं।” सिंह ने यह भी बताया कि कैसे उन्हें उस वक़्त “आपातकाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने” के लिए गिरफ्तार किया गया था।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड न्यूज़। अब स्कूल वैन में भी सुरक्षित नहीं बच्चियां, ये खबर पढ़कर आपका भी खौल जाएगा खून, देखें रिपोर्ट:-

यह पहली बार नहीं है कि सिंह ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। पिछले महीने, राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में आपातकाल को भारत के इतिहास में एक ‘काला अध्याय’ कहा था।

उन्होंने कहा कि आपातकाल के अलावा भारत में प्रेस की आजादी पर कोई रोक नहीं थी। सिंह ने कहा, ”इस देश के लोकतंत्र के इतिहास में अगर हम आपातकाल के काले अध्याय को छोड़ दें, तो प्रेस की स्वतंत्रता पर कभी कोई प्रतिबंध देखने को नहीं मिलेगा।” उन्होंने बताया था कि, ‘उस समय में अख़बार के लेख प्रकाशित होने से पहले पढ़े जाते थे, हेडलाइंस,, कांग्रेस के मुख्यालय से निर्धारित की जाती थीं। और सरकार का विरोध करने पर पत्रकारों को जेल भी भेजा जाता था। सिर्फ जेल ही नहीं, कई पत्रकारों को तो प्रताड़ित तक किया गया। मैं खुद आपातकाल के दौरान जेल में रहा हूं, मैंने सब देखा है।”

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर। मौसम को लेकर इस जिले में रेड अलर्ट घोषित, छुट्टी को लेकर आदेश जारी, देखें रिपोर्ट:-

रक्षा मंत्री ने कहा कि, “अगर हम (आपातकाल के) उस काले दौर को छोड़ दें, तो चाहे हमारी सरकार हो या किसी अन्य पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारें, सभी ने प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखा है।” पिछले साल, आगरा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए, सिंह ने याद किया था कि कैसे आपातकाल के दौरान उन्हें एकांत कारावास में रखा गया था। उन्होंने बताया था कि, ‘मैं 23 साल का था। मैं 16 महीने तक जेल में रहा और ढाई महीने तक मुझे एकांत कारावास में रखा गया।”

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज़। अवैध रूप से मतांतरण और विदेशी फंडिंग मामले में इस मदरसे के मौलवी समेत 12 लोगों को सुनाई गई कठोर सजा, देखें रिपोर्ट

बता दें कि तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा 1975 से 1977 तक भारत में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था। इसे उस अवधि के रूप में जाना जाता है जिसके दौरान प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी गई थी, और कई विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को कुचल दिया गया था।

More in दिल्ली

Trending News

Follow Facebook Page

About

अगर नहीं सुन रहा है कोई आपकी बात, तो हम बनेंगे आपकी आवाज, UK LIVE 24 के साथ, अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी प्रमुख मुद्दों की खबरें प्रकाशित करने के लिए संपर्क करें।

Author (संपादक)

Editor – Shailendra Kumar Singh
Address: Lalkuan, Nainital, Uttarakhand
Email – [email protected]
Mob – +91 96274 58823