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यहां मनचाहा चुनाव परिणाम नहीं आने से बिगड़ी नेता जी के समर्थकों की तबीयत, अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती।
शैलेंद्र सिंह
विधान सभा चुनाव परिणाम आने के बाद कई नेताओं व नेताओं के प्रतिनिधियों की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। अपनी हार देख कई नेता मतगणना स्थल पर ही अजीबोगरीब हरकत करने लगे। इसमें से कुछ को तो अस्पताल ले जाना कराना पड़ा। इलाज के बाद इन्हें घर भेजा गया।
जिला अस्पताल ले जाना पड़ा
परिणाम आने के बाद दो दिनों में जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के ओपीडी में तीन ऐसे मरीज आए, जिन्हें चुनाव परिणाम आने के बाद मानसिक परेशानी शुरू हो गई। गोरखपुर के तिवारीपुर, कुशीनगर व तमकुहीराज के इन मरीजों की स्थिति लगभग एक सी है- भागना, दौडऩा, अपशब्द कहना और अचानक चुप हो जाना। इनके ऊपर मनमाफिक विधानसभा चुनाव परिणाम न होने का असर है। स्वजन मतगणना केंद्र से घर ले गए, लेकिन दूसरे दिन भी अवसाद व उदासी के साथ वही रवैया रहने पर इन्हें जिला अस्पताल ले आए। अस्पताल में डाक्टर ने बताया इन्हें बाइपोलर अफेक्टिव डिस्आर्डर की समस्या है। इसमें व्यक्ति मनचाहा न होने पर आक्रोशित होता है और कभी-कभी आक्रामक भी हो जाता है।
चुनाव परिणाम आते ही हिंसक हो गए
गोरखपुर के तिवारीपुर निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति को पहले से यह समस्या थी। उनक उपचार चल रहा था। वह सामान्य थे। चुनाव परिणाम आने के दिन वह अचानक हिंसक हो गए। तोड़फोड़ करने लगे। भागने, दौड़ने व लोगों को मारने की कोशिश करते हुए अनियंत्रित हो गए। उन्हें स्वजन ने संभाला। कुशीनगर निवासी 28 वर्षीय युवक एक पार्टी का समर्थक हैं। लगभग डेढ़ माह से वह प्रत्याशी के प्रचार में लगे रहे। परिणाम आने के पूर्व रात को वह सोए नहीं। सुबह मतगणना स्थल पर पहुंच गए।
अपने प्रत्याशी की हार देख बोलने लगे अपशब्द
अपने प्रत्याशी की पराजय होती देखकर वह दूसरी पार्टियों के लोगों से भिड़ गए। अपशब्द बोलने लगे। चिल्लाने लगे। भागना-दौड़ना व बाल नोंचना शुरू कर दिए। यही हाल तमकुही राज के 25 वर्षीय युवक का भी है। इन लोगों को जिला अस्पताल में मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया। उपचार शुरू हो गया है। मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अमित कुमार शाही ने बताया कि इस बीमारी की लंबी दवा चलती है। तीनों रोगियों की मानसिक स्थिति चुनाव परिणाम आने के बाद बिगड़ी है। उनके मन का परिणाम न आने पर ऐसा हुआ है। उपचार के बाद वे ठीक हो जाएंगे।