उत्तराखंड
इन्हें बनाया गया उत्तराखंड का DGP, कार्यवाहक DGP अभिनव कुमार को मिली नई जिम्मेदारी, अन्य दो IPS को भी…….
1995 के आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी का पदभार संभाल लिया है। इस मौके पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एडीजी स्तर के कई अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और उनको बधाई दी है ।
कार्यवाहक डीजीपी पद से अवमुक्त होने के बाद एडीजी अभिनव कुमार को जेल विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें एडीजी जेल बनाया गया है। इसके अलावा दो और आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। इनमें विमला गुंज्याल को आईजी विजिलेंस बनाया गया है। जबकि, एसएसपी विजिलेंस रहे धीरेंद्र गुंज्याल को वहां से हटाते हुए बाध्य प्रतीक्षा में रखा गया है। गुंज्याल आगामी जनवरी में डीआईजी पद पर पदोन्नत होंगे।
इस मौके पर उन्होंने अपनी प्राथमिकता भी गिनाई है उनका कहना है कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। साथ ही उत्तराखंड में आमजन की समस्याओं के निस्तारण के पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसी तरह से यातायात व्यवस्था को लेकर भी बेहतर प्लान बनाने की बात कही।
कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी का अभियान
डीजीपी दीपम सेठ का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस सभी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सक्षम है ऐसे में उत्तराखंड के पुलिस जवान बेहतर काम करेंगे। उनका कहना है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जाएगा। कानून व्यवस्था बेहतर हो इसके लिए सत्यापन प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। डीजीपी दीपक सेठ का कहना है कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
दीपम सेठ के डीजीपी बनने पर रिश्तेदारों में खुशी
दीपम सेठ को उत्तराखंड का नया डीजीपी बनाए जाने के बाद यहां उनके रिश्तेदारों में भी खुशी का माहौल है। दीपम का परिवार उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के चौक स्थित कूंचालाला मुहल्ले में रहता था। उनके पिता राधारमण सेठ चिकित्सक थे।
शुरुआती शिक्षा शाहजहांपुर के सेंट पाल इंटर कालेज में हुई। उसके बाद वह पढ़ने के लिए नैनीताल चले गए। लगभग 22 वर्ष पूर्व पिता राधारमण सेठ भी यहां से मकान व अन्य संपत्ति बेचकर परिवार के साथ बरेली में जाकर रहने लगे।
राधारमण के चचेरे भाई व्यापार मंडल के जिला महामंत्री सुरेंद्र सेठ ने बताया कि दीपम के छोटे भाई अनुपम सेठ व उनकी पत्नी बरेली के केशलता अस्पताल में चिकित्सक हैं। उन्होंने बताया कि दीपम के इस मुकाम तक पहुंचने में भाभी पुष्पा का अहम याेगदान रहा।
सिविल सर्विस की तैयारी के लिए वह उन्हें प्रेरित करती रहीं। हालांकि सात वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया था। सुरेंद्र सेठ ने बताया कि भतीजे से पिछले काफी समय से भेंट तो नहीं हो सकी, लेकिन इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की जानकारी मिली तो फोन करके बधाई दी है।
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