उत्तराखंड
(उत्तराखंड) विधानसभा चुनावों में भाजपा को हुए भितरघात की चल रही जांच, CM धामी की सीट पर भी…….
उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारतीय जनता पार्टी ( BJP) विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों को हराने वाले भीतरघातियों की पड़ताल कर रही है. अब पार्टी को इस बात के सबूत मिले हैं कि राज्य में पार्टी को कई सीटों में भितरघात के कारण हार का सामना करना पड़ा है.
इसमें पुष्कर सिंह धामी की सीट खटीमा भी शामिल है. राज्य में बीजेपी को जिन 23 विधानसभा सीटों हार का सामना करना पड़ा है वहां पर संवादहीनता, धुव्रीकरण के साथ ही भीतरघात को बड़ा कारण बताया जा रहा है. फिलहाल पार्टी के समीक्षकों ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और अब इसे पार्टी आलाकमान को सौंपा जाएगा.
असल में पार्टी में विधानसभा चुनाव के बाद कुछ विधायकों ने भीतरघात के आरोप लगाए थे. हरिद्वार से एक विधायक ने तो प्रदेश अध्यक्ष पर उन्हें हराने के आरोप लगाए. इसके बाद राज्य में बीजेपी के कई नेताओं ने भितरघात के मामलों को उठाया था.
जिसके बाद हार का कारण जानने के लिए बीजेपी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को समीक्षकों की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए समीक्षकों ने विधानसभा सीटों पर जाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत की और सबूत एकत्रित किए. फिलहाल समीक्षकों की टीम ने सात से आठ सीटों की रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय को सौंपी गई है और आठवीं सीट की रिपोर्ट 4 अप्रैल तक आने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि एक सीट में समीक्षकों को सबूत के तौर पर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ एक जिला अध्यक्ष का ऑडियो मिला है और पार्टी अपने स्तर पर इसकी जांच कर रही है.
खटीमा और लक्सर में भितरघात की रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई सीटों पर पार्टी के बजाए अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी देखा गया और इसके कारण को हार का सामना करना पड़ा. इन सीटों में यमुनोत्री, हरिद्वार ग्रामीण, किच्छा और नानकमत्ता शामिल हैं. जबकि सीएम पुष्कर धामी की खटीमा सीट और लक्सर सीट पर भितरघात की बात सामने आ रही है. वहीं जसपुर, मंगलौर, ज्वालापुर, पिरान कलियर, झबरेड़ा और हल्द्वानी में ध्रुवीकरण के कारण पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा.
चार सीटों में तीसरे स्थान पर रही बीजेपी
विधानसभा चुनाव में बीजेपी चार सीटों पर तीसरे स्थान पर रही. इसको लेकर पार्टी के रणनीतिकार और राज्य ईकाई मंथन कर रही है. क्योंकि पार्टी को इन सीटों पर इसकी उम्मीद नहीं थी. वहीं पार्टी को भगवानपुर सीट पर महज 12 फीसदी वोट मिले. जिसको लेकर पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं.
स्रोत इंटरनेट मीडिया