उत्तराखंड
तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी एवं SOG फॉरेस्ट (सेंट्रल/पूर्वी) की दिन-रात सक्रियता के चलते पस्त होते वन तस्कर, वन चौकियों पर तैनात वन कर्मी उच्चाधिकारियों के दिशा -निर्देश पर कस रहे वन तस्करों पर लगाम…..
तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार (मौजूदा DFO दिनकर तिवारी) के निर्देशन पर वन कर्मी पूरी मुस्तैदी के साथ दिन एवं रात में काम कर रहे हैं इसी की बदौलत अब तक अवैध खनन या अवैध पातन या फिर अवैध पशु तस्करी में लिप्त लोगों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जा चुकी है। गौरतलब है कि तत्कालीन तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी नीतिश मणि त्रिपाठी के बाद अब DFO संदीप कुमार के चार्ज संभालने के बाद से ही वन कर्मी पुनः पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रहे हैं जंगल में अग्नि नियंत्रण, जंगलों में पीने के पानी की जानवरों के लिए व्यवस्था के उचित काम किए जा चुके हैं,वहीं डेढ़ लाख से अधिक पौधों का भी मानसून सीजन में पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा गया है इसके अलावा अवैध पातन के मामलों में भी कई वाहन पकड़े जा चुके हैं इसके अलावा ओवरलोड उपखनिज या फिर अवैध उपखनिज के मामलों में भी तराई पूर्वी वन प्रभाग की टीम ने धरपकड़ में खासा वृद्धि दर्ज की है, ऐसे में वन विभाग के उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देशन एवं कर्मचारियों के तत्काल एक्शन के बाद ही वन तस्करों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा रही है इधर डौली वन क्षेत्र की बात करें तो यहां अब तक दर्जनों मामले सामने आए हैं जिसमें रेंजर अनिल जोशी के तत्वाधान में बड़े पैमाने पर धरपकड़ करके वन तस्करों के विरुद्ध वन अधिनियम की धारा 1927 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा चुकी है इसके अलावा एसओजी फॉरेस्ट तराई केंद्रीय और तराई पूर्वी भी वन और वन्यजीव तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आवश्यक कार्यवाही कर चुकी है। ऐसे में जंगल बाहुल्य क्षेत्र उत्तराखंड में वन अधिकारियों एवं वन कर्मियों की बदौलत ही हालात काबू में हैं हालांकि कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में आगजनी की घटना सामने आई है जिसमें वन महकमे को सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है फिलहाल मैदानी क्षेत्र में वन विभाग की तत्परता के चलते वन तस्करों पर काफी हद तक लगाम लगाई जा चुकी है।